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Friday 22 January 2016 02:20:07 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने बुधवार को उपराष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया के हालात की समीक्षा की जरूरत बताई और इसके लिए एक मजबूत आधार तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार की बात करते हुए कहा कि इतने तनाव के बावजूद भी पत्रकार लोगों तक सही खबर पहुंचा रहे हैं। उपराष्ट्रपति 13वें शैलीकार प्रभाकर सम्मान समारोह में बोल रहे थे। हामिद अंसारी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कई बड़े अखबार बिना संपादक के काम कर रहे हैं और मालिक ही तय कर रहा है कि अखबार में क्या प्रकाशित किया जाए और क्या नहीं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज मीडिया के हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं। उन्होंने मीडिया में गुणवत्ता और प्रशिक्षण को अनिवार्य बताया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कई अखबारों में जो मालिक कहता है, वही छपता है। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए कि यदि इससे पहले बड़े-बड़े संपादक नहीं होते तो हमें कितना नुकसान उठाना पड़ता। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए यह एक बड़ी शर्त है कि जो लिखा जा रहा है वह विश्वसनीय और सच हो। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत ने संविधान बनाया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अहम स्थान दिया, लेकिन इस पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि क्या हमारे देश में पत्रकारिता की दिशा और दशा ठीक है? उन्होंने कहा कि रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर संस्था ने निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता का जो सूचकांक तैयार किया है, उसके अनुसार 180 देशों में भारत की पत्रकारिता 136वें स्थान पर है और यह आंकड़ा बताता है कि हमें अभी काफी दूर जाना है। उन्होंने पत्रकारिता के खतरों का भी जिक्र किया और कहा कि सूचकांक में यहां भी भारत का आंकड़ा ठीक नहीं है।