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भारत-फ्रांस एकदूजे के लिए-नरेंद्र मोदी

ओलांदे, मोदी संग्रहालय और आर्ट गैलरी भी गए

भारत में फ्रांस के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 25 January 2016 05:59:09 AM

french president francois hollande and pm narendra modi

चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और फ्रांस के बीच कई समानताएं हैं और ये दोनों देश एक-दूसरे के लिए बने हैं। नरेंद्र मोदी ने पेरिस हमले का जिक्र करते हुए कहा कि फ्रांस ने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किए बिना आंतकवाद से लड़ने का साहस और मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत आंतकवाद के साथ लड़ाई में फ्रांस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। प्रधानमंत्री चंडीगढ़ में भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने फ्रांस की सीओपी-21 वार्ता में समन्वय के लिए फ्रांस की सराहना की और इस समझौते की घोषणा से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलांदे से फोन कर प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा साझा करने का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से रक्षा क्षेत्र के संबंध में कहा कि भारत की प्रतिभा और फ्रांस की निर्माण क्षमता मिलकर विश्व को और अधिक सुरक्षित बना सकते हैं। उन्होंने इस दौरान साइबर-सुरक्षा का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रांस की कंपनियों ने भारत में अच्छा निवेश किया है। उन्होंने कहा कि विवादास्पद कराधान अब इतिहास की बात है और यह अध्याय फिर कभी नहीं खुलेगा। उन्होंने भारत, अमेरिका और फ्रांस के सहयोग से चल रहे मिशन नवाचार की शुरूआत और अंतर्राष्ट्रीय सौरमैत्री का स्मरण किया। भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशो के बीच 16 सहमति पत्रों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलांदे ने भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपने कार्यक्रमों के एक हिस्‍से के रूप में चंडीगढ़ में राजकीय संग्रहालय और आर्ट गैलरी का भी संयुक्त रूप से दौरा किया। दोनों नेताओं ने हिमालय की तलहटी से पुरातात्विक निष्कर्षों के प्रदर्शनों का अवलोकन किया, जो संभवत: 2.6 मिलियन वर्ष पूर्व मानवीय गतिविधियों को दर्शाते हैं और इन्‍हें मानव अस्‍तित्‍व के सबसे पुराने ज्ञात अवशेष बनाते हैं। यह महत्‍वपूर्ण खोज भारत की पुरातत्व और मानव विज्ञान अनुसंधान सोसायटी और फ्रांस के राष्‍ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के मध्‍य हुए सहयोग अनुबंध के तत्‍वावधान के अधीन फ्रांस के राष्‍ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के प्रागितिहास विभाग और चंडीगढ़ की पुरातात्‍विक एवं मानव विज्ञान अनुसंधान सोसायटी के दरम्‍यान सहयोग और सात वर्ष के व्‍यापक अनुसंधान का परिणाम है।
प्राकृतिक खोज में चंडीगढ़ के पास मसोल क्षेत्र के 50 एकड़ में फैले भू-भाग में अनेक स्‍थानों से एकत्र किए गए 200 क्वार्टजाइट औजारों सहित लगभग 1500 जीवाश्‍म वस्‍तुएं शामिल हैं। इस पुरातात्विक खोज से संबंधित अनुसंधान कार्य पेलेवॉल समीक्षा में लेखों के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलांदे ने इस खोज के लिए भारत-फ्रांस की टीम को उनके संयुक्‍त अनुसंधान कार्य के लिए बधाई दी। उन्‍होंने इस सफलता को अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत की पुर्नखोज, संरक्षण और संवर्द्धन में भारत और फ्रांस के दरम्‍यान दीर्घकालीन सांस्‍कृतिक संबंधों और स्‍थायी सहयोग के लिए सफल द्विपक्षीय सहयोग का जीता जागता उदाहरण बताया। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि इस तरह की खोजों से भविष्य में संयुक्त प्रयासों को और अधिक गति मिलेगी।

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