स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 25 January 2016 11:40:33 PM
मुंबई। भारतीय शास्त्रीय संगीत की अनुकरणीय सेवा के लिए डॉ सोमा घोष को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। डॉ सोमा घोष ने यह सम्मान पाकर कहा कि भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने उनको प्रोत्साहित करने के लिए 2005 में एक पत्र भारत सरकार को लिखा था, जिसमें उन्होंने डॉ सोमा घोष को पद्म पुरस्कार दिए जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मैंने कभी किसी के लिए सिफारिश नहीं की है, लेकिन मैं मेरी गोद ली हुई बेटी डॉ सोमा घोष को भारतीय शास्त्रीय संगीत की सेवा करने को प्रोत्साहित करने के लिए पद्म पुरस्कार की सिफारिश करता हूं। संगीतकार नौशाद ने भी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की भावनाएं साझा करते हुए डॉ सोमा घोष को पद्म पुरस्कार के लिए नामांकित करने के बारे में अनुरोध किया था। डॉ सोमा घोष ने संगीत के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत और विरासत का प्रचार करने का बड़ा काम किया है। पद्मश्री सम्मान मिलने की खबर से वह बहुत खुश हैं।
पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने पर डॉ सोमा घोष ने कहा कि वह अपने गुरु ब्रह्मश्री श्रीश्री मौनी बाबा, मेरी माँ अर्चना चक्रवर्ती, मेरी गुरु भागेश्वरी देवी, चितरंजन जोशी और पंडित राजेश्वर आचार्य के आशीर्वाद से आज इस सम्मान और मुकाम तक पहुंची हैं। इनकी प्रेरणा से मुझे कलाकार के रूप में आगे बढ़ने और इस मंच तक पहुंचने में मदद मिली है। डॉ सोमा घोष ने बताया कि मेरी अगली परियोजना यूनेस्को की रचनात्मक शहरों में कार्यक्रम के तहत वाराणसी में एक संगीत ग्राम स्थापित करने के लिए है। इस परियोजना को चेत सिंह पैलेस में 6 फ़रवरी से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगीत ग्राम परियोजना भारत के लुप्तप्राय भारतीय उपकरणों और घरानों को बचाने के लिए है, जो परिकल्पना भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 10 साल पहले की और जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पहल के रूप में आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि संगीत ग्राम 'गुरु-शिष्य परम्परा' के अनुरूप बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में भी लुप्तप्राय भारतीय उपकरणों के संग्रहालय की स्थापना कर चुके हैं।