स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 30 January 2016 04:59:54 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुष्ठ निवारण दिवस पर कहा है कि हमें कुष्ठ रोग, उसके उपचार, देखभाल और उसके रोगियों के पुनर्वास के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हिंद कुष्ठ निवारण संघ को लिखे संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर अत्यंत खुशी हुई है कि हिंद कुष्ठ निवारण संघ ने महात्मा गांधी के शहीदी दिवस 30 जनवरी 2015 पर कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि सालों से कुष्ठ रोग पूरी मानवता पर एक धब्बे की तरह है, इसलिए उनके हितों की रक्षा, सहायता और जागरूकता फैलाने के माध्यम से उन लोगों को सशक्त बनाने की जरूरत है, जो कुष्ठ रोग के कारण सामाजिक बहिष्कार को झेलते आ रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति विशेष प्रेम और सहानुभूति रखते थे, वे इस रोग के सामाजिक आयामों को समझते थे और इसलिए उन्होंने कुष्ठ रोगियों को सामाजिक मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सतत काम किया। उन्होंने कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने के लिए इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने में उनके प्रयासों ने एक लंबा रास्ता पार किया। राष्ट्रपति ने कहा कि समय की मांग है कि कुष्ठ रोग के मामलों का जल्दी पता लगाने, उचित इलाज की व्यवस्था तक उनकी पहुंच बनाने और भौगोलिक रूप से प्रभावित क्षेत्रों में एकीकृत कुष्ठ सेवाएं प्रदान करने की दिशा में हमारे प्रयास तेज हों।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कुष्ठ निवारण दिवस पर आइए हम महात्मा गांधी की स्मृति को खुद को समर्पित करें और कुष्ठ रोग, उसके उपचार, देखभाल और उसके रोगियों के पुनर्वास के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि भारत को कुष्ठ रोग से मुक्त करने के लक्ष्य में हमें सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने इस महान मिशन के लिए भारतीय कुष्ठ रोग संघ में शामिल लोगों और स्रोतों को उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।