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Thursday 4 February 2016 11:05:37 PM
नई दिल्ली। हिंदू कालेज दिल्ली में प्रेमचंद और भीष्म साहनी की कहानियों पर नाटकों का शानदार मंचन किया गया, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में नौजवान पहुंचे। ध्यान रहे कि दिल्ली विश्वविद्यालय युवा प्रतिभाओं का बड़ा केंद्र माना जाता है। रंगमंच के परिदृश्य से युवाओं ने यहां अपने नए प्रयोगों से सर्वदा दर्शकों का ध्यान खींचा है। प्रेमचंद और भीष्म साहनी की कहानियों पर यह मंचन इन युवाओं की प्रतिभा का ही प्रमाण है। कवि और आलोचक अजित कुमार ने कहा भी है कि हिंदू कॉलेज में हिंदी नाट्य संस्था 'अभिरंग' के तत्वावधान में प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'वेश्या' एवं भीष्म साहनी की लोकप्रिय कहानी 'चीफ की दावत' के मंचन पर बड़ी संख्या में नौजवानों की मौजूदगी उन्हें प्रभावित कर रही है।
हिंदी नाट्य संस्था 'अभिरंग' के युवा कलाकारों ने दोनों कहानियों का प्रभावशाली मंचन किया, जिसमें माँ की भूमिका शिवानी और शामलाल की भूमिका आदर्श मिश्रा ने निभाई। चीफ के रूप में अतुल शुक्ला, सेठी के रूप में दयाशंकर और सिंगार सिंह का आशुतोष ने आदर्श अभिनय किया। माधुरी की भूमिका में शिवानी ने अपने अभिनय से दर्शकों पर विजय पाई। दोनों नाटकों में रजत, पूजा, तनूजा, अतुल, अनुपमा, अनुपम, नीरज, ऋषिका, आशुतोष, पिंकी ने अभिनय किया। सूत्रधार के रूप में नीरज और स्नेहदीप ने नाटक को गति दी। नाटक के निर्देशक युवा रंगकर्मी और एमए के विद्यार्थी कपिल कुमार ने सभी पात्रों का अभिनय कर रहे विद्यार्थियों का परिचय कराया और इन कहानियों को मंचन के लिए चुनने की प्रेरणा बताई।
रंगमंच सज्जा नीरज, ज्योति और गार्गी की थी। हिंदू कॉलेज के प्रेक्षागार में कॉलेज के अलावा अनेक संस्थानों से भी दर्शक आए थे। डॉ रामेश्वर राय, डॉ अभय रंजन, डॉ जगमोहन, डॉ रचना सिंह, डॉ राजेश कुमार, डॉ संजीव दत्त शर्मा और गणमान्य व्यक्ति भी नाट्य समारोह में उपस्थित थे। अभिरंग के परामर्शदाता डॉ पल्लव ने आभार प्रदर्शित करते हुए कहा कि पराधीन भारत के खा पीकर अघा रहे समाज का एक दृश्य प्रेमचंद की अल्पचर्चित कहानी 'वेश्या' में आया है तो स्वतंत्र भारत के पाखंडी मध्य वर्ग का कपटी चेहरा भी भीष्म साहनी की अत्यंत प्रसिद्ध और लोकप्रिय कहानी 'चीफ की दावत' में दिखाई देता है।