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Tuesday 1 March 2016 04:26:31 AM
नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मीडिया कमीशन, मीडिया काउंसिल के गठन एवं पत्रकारों की अन्य समस्याओं को लेकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से भारत में पत्रकारों की तमाम समस्याओं पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में एनयूजे के अध्यक्ष रह चुके डॉ नंदकिशोर त्रिखा, कोषाध्यक्ष दधिबल यादव, प्रेस एसोसिएशन के सचिव मनोज वर्मा, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल पांडे, महासचिव आनंद राणा, एनयूजे कार्यकारिणी के सदस्य प्रमोद मजूमदार और सीमा किरण शामिल थीं।
एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने राष्ट्रपति को जानकारी दी कि उनका पत्रकार संगठन पिछले पांच साल से लगातार हर साल संसद पर प्रदर्शन कर पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन की मांग कर रहा है, पिछले साल भी 7 दिसंबर को दो हजार से ज्यादा पत्रकारों ने संसद का घेराव किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि एनयूजे की 22 राज्य इकाइयों ने सौ से ज्यादा जिलों में अपनी इन मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है और राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी ज्ञापन दिए हैं, जिलों में जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिए गए हैं। एनयूजे प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से कहा कि दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत में और अन्य स्थानों पर मीडिया कवरेज के दौरान हुई हमलों की घटनाओं को पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर रोका जा सकता है, इससे मीडियाकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई होगी और मीडियाकर्मी निर्भीकता और निष्पक्ष तरीके से और ज्यादा बेहतर काम कर सकेंगे।
डॉ नंदकिशोर त्रिखा ने राष्ट्रपति से कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, मीडिया पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, जिनके हल के लिए मीडिया कमीशन और मीडिया काउंसिल के गठन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक देश में दो प्रेस कमीशन बने हैं, दूसरे प्रेस कमीशन ने 1982 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, उसके बाद मीडिया का पूरा स्वरूप ही बदल गया है। डॉ नंदकिशोर त्रिखा ने कहा कि मीडिया के मौजूदा हालात के अध्ययन और समस्याओं को जानने के लिए मीडिया कमीशन के गठन की बहुत ही जरूरत है। राष्ट्रपति ने एनयूजे के सदस्यों की बातों और उनकी चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना और पत्रकारों को उनकी समस्याओं के प्रति भरोसा दिया।