स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 06 February 2013 06:53:03 AM
देहरादून। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने वरिष्ठ पत्रकार राजेन टोडरिया के आवास पर जाकर उनके निधन पर परिजनों से गहरा दुःख व्यक्त किया तथा उनको सांत्वना दी। मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि राजेन टोडरिया राज्य आंदोलनकारी के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार भी थे, उनकी पत्रकारिता जन सरोकारों से जुड़ी रही। उन्होंने उनके परिवार को यथा संभव सहायता का आश्वासन भी दिया। मुख्यमंत्री, पूर्व कैबिनेट मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर भी गए तथा उनकी माताजी के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें सांत्वना दी।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने प्रमुख समाज सेवी, वरिष्ठ पत्रकार एवं जनमंच के संयोजक राजेन टोडरिया के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है तथा ईश्वर से प्रार्थना की है कि शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें, उनके अचानक इस तरह चले जाने से सब लोग स्तब्ध हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि राजेन टोडरिया उत्तराखंड राज्य के हितों के विषय में हमेशा चितिंत रहने वाले एक सच्चे राष्ट्रभक्त, कुशल, मृदभाषी, ज्ञानवान एवं लोकप्रिय प्रमुख समाज सेवी के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
आईएफडब्ल्यूजे से मान्यता प्राप्त यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट उत्तराखंड की देहरादून इकाई ने वरिष्ठ पत्रकार राजेन टोडरिया के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया है। यूनियन के जिलाध्यक्ष राबिन सिंह चौहान व संगठन के सदस्यों ने शोक सभा कर इन दुखद क्षणों में शोकाकुल परिवार को शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। शोक सभा में पत्रकारों ने कहा कि टिहरी जिले के देवप्रयाग के मूल निवासी राजेन टोडरिया ने अमर उजाला व दैनिक भास्कर जैसे संस्थानों में विभिन्न पदों पर कार्य किया। टोडरिया राज्य आंदोलन, टिहरी बांध विरोध आंदोलन में भी सक्रिय रहे। इस अवसर पर यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के सदस्यों ने राजेन टोडरिया जैसे किसी भी पत्रकार की असमय मृत्यु व बीमारी जैसी दुखद घटनाओं के समय पत्रकारों व उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता, सामुहिक मेडिकल बीमा और आश्रितों को रोज़गार देने के लिए सरकार से अतिशीघ्र एक नीति बनाने की मांग की। शोक सभा में पत्रकार मनोज रावत, पंडित चंद्र बल्लभ, सुमित खन्ना, राकेश खंडूड़ी, प्रदीप थलवाल, शक्ति सिंह बड़थ्वाल, रतन नेगी, अनिल राणा, संदीप गुसांई, मुकेश राणा, भावना पंचभैया, नवीन अनियाल, नवीन भारद्वाज, अनिल बडोनी, प्रदीप मैखुरी, प्रदीप सती, वीरेंद्र नेगी, नज़र अली, महिपाल कुंवर , अमरेंद्र बिष्ट, मोहम्मद सुहेब रजा, कुलदीप अरोड़ा, गरिमा बोरा आदि उपस्थित थे।
भाकपा (माले) की राज्य कमेटी ने भी पत्रकार राजेन टोडरिया के निधन पर शोक प्रकट किया है। अस्सी के दशक में भाकपा (माले) के खुले राजनैतिक संगठन इंडियन पीपल्स फ्रंट (आईपीएफ) की राष्ट्रीय परिषद के वे सदस्य थे। टिहरी बांध विरोधी आंदोलन में भी वे सक्रियता पूर्वक जुड़े रहे, हालाकि बाद में वामपंथी आंदोलन से उनका दुराव हो गया और परियोजनाओं के भी वे मुखर समर्थक हो गए। भाकपा (माले) की राज्य कमेटी के सदस्य इंद्रेश मैखुरी ने कहा है कि तमाम मत विरोधों के बावजूद भाकपा (माले) उनके निधन पर दुखी है और उन्हें श्रद्धांजलि देती है।