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Monday 11 April 2016 03:55:12 AM
नई दिल्ली। सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी ने कनाडा और आर्मेनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सीसीआरएच और कॉलेज ऑफ होम्योपैथ ऑफ ओंटारिया, कनाडा और सीसीआरएच और येरवन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, आर्मेनिया के बीच समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येशो नाइक ने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान होम्योपैथी ने अहम तकनीकी छलांग लगाई है और इसके प्रमाण दिनों-दिन दिख रहे हैं।
श्रीपद येशो नाइक ने सम्मेलन के दौरान होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने सम्मेलन में होम्योपैथी में शिक्षा और शोध के लिए दो देशों के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी के क्षेत्र में शोध एक प्रमुख काम होता जा रहा है, इस क्षेत्र में अभी और भी कई अंतरराष्ट्रीय गठबंधन कायम हो सकते हैं, इस तरह के गठबंधनों की काफी जरूरत है। विश्व होम्योपैथी दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन होम्योपैथी के संस्थापक डॉ क्रिश्चियन हैनिमन सैम्युअल को एक सत्र समर्पित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ क्रिश्चियन हैनिमन सैम्युअल को, अध्यक्ष और डॉ रेंजो गलासी निदेशक लिगा मेडिकोरम होम्योपैथिका इंटरनेशनलिस (एलएमएचआई) (इटली), डॉ गुस्तावो अल्बर्टो कातालादी एलएमएचआई (अर्जेंटीना), एमरलिस सीजर (ब्राजील), डॉ अल्तुने सोयलिमेज अगागलू (तुर्की), डॉ एसपीएस बख्शी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एलएमएचआई (भारत), डॉ नंदिनी शर्मा अध्यक्ष डब्ल्यूएचडी (भारत), डॉ संदीप कैला सचिव डब्ल्यूएचडी (भारत), डॉ रामजी सिंह निदेशक सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथ-सीसीएच (आयुष मंत्रालय भारत सरकार), डॉ अरुण भासमे उप निदेशक सीसीएच (भारत), डॉ भास्कर भट्ट निदेशक एचएमएआई (भारत), केके जुनेजा अध्यक्ष दिल्ली बोर्ड (भारत), डॉ एमए राव निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजिशियन, डॉ एमजी ओमन संस्थापक राष्ट्रीय निदेशक इंडियन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन, डॉ राज के मनचंदा महानिदेशक सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी और गणमान्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
भारत और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में होम्योपैथी के सामने मौजूद चुनौती पर एक सत्र का आयोजन हुआ। सत्र की अध्यक्षता डॉ रामजी सिंह, डॉ अरुण भासमे, डॉ श्रीवत्सन, डॉ ललित वर्मा ने की, जबकि डॉ एके सेठ, डॉ रजत चट्टोपाध्याय, डॉ एसके तिवारी, डॉ मणिलाल, डॉ अरविंद कोठे, डॉ मुनीर अहमद, डॉ लियोपोल्ड ड्रेकसेलर (ऑस्ट्रिया), डॉ गुस्तावो अल्बर्टो कातालादी (अर्जेंटीना), डॉ मोहम्मद अशराफुर रहमान (बांग्लादेश), डॉ डैनी पिल्लई (दक्षिण अफ्रीका), डॉ एमपी आर्या (भारत), डॉ एमके साहनी (भारत) विचार-विमर्श करने वाले पैनल में शामिल थे। इस पैनल ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होम्योपैथी शिक्षा की स्थिति पर चर्चा की। पैनल ने इस बात पर चर्चा की कि किस तरह होम्योपैथी शिक्षा का मानकीकरण किया जाए और होम्योपैथी शिक्षा के लिए देश भर में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम लाया जाए।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का एक अन्य सत्र दवाओं के मान्यकरण और उनके विकास पर आयोजित हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता नीदरलैंड के डॉ मार्टिन ब्रांड्स ने की। इसके साथ ऑस्ट्रेलिया के डॉ आइजक गोल्डन और भारत के डॉ लक्ष्मीकांत नंदा ने भी इसमें अध्यक्ष के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने इस मौके पर होम्योपैथी दवाओं को दुनियाभर में नियमन का मुद्दा उठाया। सम्मेलन के एक अन्य सत्र में होम्योपैथी पर बायोमोल्यूक्यूलर रिसर्च का भी मुद्दा उठा। इसके अलावा क्लीनिकल रिसर्च, शोध में अद्यतन विकास, मलेरिया, डेंगू, प्राकृतिक आपदा, मस्तिष्क आघात, कान के पुराने संक्रमण और साइटिका के इलाज में होम्योपैथी के योगदान पर चर्चा हुई।