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एयर मार्शल पीपी खांडेकर को नई जिम्मेदारी

मिग उड़ाने व वायुसेना में विभिन्न पदों पर लंबा अनुभव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 4 May 2016 12:57:33 AM

air marshal pp khandekar

नई दिल्ली। एयर मार्शल पीपी खांडेकर ने 2 मई 2016 को वायुसेना मुख्यालय नई दिल्ली में एयर ऑफिसर-इन-चार्ज मेंटिनेंस के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। एयर मार्शल खांडेकर वीएनआईटी नागपुर से स्नातक हैं और 25 जुलाई 1977 को वह एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग स्ट्रीम के जरिए वायुसेना में शामिल हुए। वह एनआईटीआईई मुंबई से औद्योगिकी इंजीनियरिंग में पोस्‍ट ग्रेजुएट हैं तथा उन्होंने रक्षा और सामरिक अध्ययन में मद्रास विश्वविद्यालय से विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की है।
एयर मार्शल खांडेकर आईटीई के फेलो हैं तथा एईएसआई, आईआईई, सीईएनजेओडब्ल्यूएस तथा सीएसआई के सदस्य भी हैं। उनके पास एसयू-7, मिग-23 जैसे विमानों को उड़ाने का पर्याप्त अनुभव है, वह एयरफोर्स स्टेशन हाई ग्राउंड्स और एयरफोर्स स्टेशन कानपुर की कमान संभाल चुके हैं। वे एमसी मुख्यालय, आईडीएस मुख्यालय तथा वायु मुख्यालय में प्रतिष्ठित पदों पर रह चुके हैं। उनके पास एक त्रिस्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान-एमआईएलआईटी का पहला कमांडेंड और निदेशक होने का गौरव प्राप्त है। एयर मार्शल खांडेकर वायुसेना मुख्यालय में ऑपरेशनल कमांड और रख-रखाव योजना के सीनियर मेंटिनेंस स्टॉफ ऑफिसर के पद पर रह चुके हैं। एओएम का पद ग्रहण करने से पहले वे मेंटिनेंस कमांड के मुख्यालय में सीनियर मेंटिनेंस स्टॉफ ऑफिसर थे।
एयर मार्शल पीपी खांडेकर एजिंग एयरक्राफ्ट के लिए रणनीति का ब्लू प्रिंट, सी-412 परिप्रेक्ष्य, जीवन विस्तार कार्यक्रम तथा भारत की विदेश नीति जैसे विषयों पर राष्ट्रीय सेमिनार और एईएसआई अध्याय में पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं। वर्तमान में वे डीम्ड विश्वविद्यालय के साथ डीआईएटी में पीएचडी कर रहे हैं। एयर मार्शल खांडेकर के परिवार में पत्नी मनीषा खांडेकर और दो बेटियां हैं, जो आईटी इंजीनियर हैं। पत्नी एक गृहिणी हैं। वे एयर फोर्स स्टेशन हाई ग्राउंड्स, एयर फोर्स स्टेशन कानपुर में एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे एमआईएलआईटी पुणे में डिफेंस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन-लोकल की अध्यक्ष थीं। वे विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के कल्याण में गहरी रुचि रखती हैं और जब वे एमसी मुख्यालय में एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष थीं तो सामाजिक सेवाओं और जन कल्याण गतिविधियों के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें एओसी-इन-सी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है।

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