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Thursday 12 May 2016 03:52:27 AM
नई दिल्ली। बच्चों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिए दक्षिण एशिया पहल की तीन दिन की ऐतिहासिक बैठक नई दिल्ली में हुई, जिसमें बाल अधिकार तथा बाल सुरक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प व्यक्त किया गया। इसमें सार्क क्षेत्र के मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मंत्रीस्तरीय बैठक के मुख्य अतिथि भारत सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह थे। सम्मेलन के उद्घाटन के बाद बिजनेस सत्र हुआ। इसके लिए केंद्रीय महिला तथा बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी को अध्यक्ष तथा महिला एवं बाल विकास सचिव वी सोमसुदंरन को सह अध्यक्ष चुना गया, इसमें सर्वसम्मति से भविष्य में सहयोग के लिए कार्यक्रम अपनाया गया।
मेनका गांधी ने समस्याओं को सुलझाने के लिए एक साथ कार्य करने और ठोस कार्रवाई करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि हमारी समस्याएं एक-दूसरे पर निर्भर हैं, इसलिए सभी देशों को दृढ़ता के साथ इनका निराकरण करना होगा। महिला एवं बाल विकास सचिव वी सोमसुंदरन ने चौथी मंत्रीस्तरीय बैठक के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा व्यक्त की कि फोरम सार्क क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर आवश्यक बल देगा। सार्क के महासचिव अर्जुन बहादुर थापा का आधिकारिक वक्तव्य सार्क सचिवालय के निदेशक सांगे रिनछेन ने प्रस्तुत किया।
महिला तथा बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि चौथी मंत्रीस्तरीय बैठक ऐतिहासिक है, क्योंकि सार्क क्षेत्र के बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकारी साझेदारी में राष्ट्रीय सरकारों के पांच वर्ष में किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। महिला और बाल विकास मंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह बैठक न केवल वर्तमान चुनौतियों का मूल्यांकन करेगी, बल्कि लिए गए निर्णय अगले पांच वर्ष के लिए परिवर्तन के साधन बनेंगे। मेनका गांधी ने बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना, किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015, नागरिक आधारित आईसीटी मंच खोया-पाया की लांचिंग, देश के 402 स्थानों तक चाइल्ड लाइन विस्तार, भागे हुए, तस्करी के शिकार बच्चों के लिए रेलवे के साथ कार्यक्रम, बाल देखभाल संस्थानों, गोद लेने संबंधी सुधारों की चर्चा की।
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने योजनाओं और कार्यक्रमों के अतंर्गत तथा पीओसीएसओ, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बच्चों के लिए नई राष्ट्रीय नीति, एकीकृत बाल संरक्षण योजना, सर्व शिक्षा अभियान, बाल मजदूरी के नियंत्रण के प्रयास और बाल विवाह रोकने के प्रयास के तहत उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। मेनका गांधी ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में लांच की गई ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना पर प्रकाश डाला, यह योजना अब सरकार के अग्रणी कार्यक्रमों में शामिल हो गई है, इसे लड़कियों के जीवन संरक्षण, शिक्षा तथा सशक्तीकरण सुनिश्चित करने के लिए लांच किया गया और यह बहुत सफल रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों के सामूहिक निरंतर प्रयासों से कम समय में व्यवहार में परिवर्तन लाना संभव है।
बाल अधिकारों को प्रोत्साहित करने के सामूहिक प्रयासों में प्रगति की समीक्षा करने तथा बच्चों के लिए सार्क क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के बारे में बच्चों के विरुद्ध हिंसा समाप्त करने की दक्षिण एशिया पहल की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण थी। बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सार्क देशों में बच्चों की सबसे बड़ी आबादी रहती है, सार्क आठ देशों का गठजोड़ है, जिसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों का संरक्षण विशेषकर सभी प्रकार के भेदभाव, दुर्व्यवहार, उपेक्षा, शोषण, अत्याचार, तस्करी या किसी तरह की हिंसा से सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि एसएआईईवीएसी बैठक से संस्थागत तथा समन्वय व्यवस्था को मजबूत बनाने के संदर्भ में आगे का कार्यक्रम तय करने तथा सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में क्षेत्रीय रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी।
एसएआईईवीएसी की मंत्रीस्तरीय बैठक के पहले दो दिन तक तकनीकी सत्र हुआ, जिसमें संबंद्ध देशों के बाल, सामाजिक मामले विभाग के मंत्री, संबंद्ध विभागों के सचिव, वरिष्ठ अधिकारी और सार्क देशों के सिविल सोसायटी संगठन शामिल हुए। बैठक में सतत विकास लक्ष्य हासिल करने पर चर्चा हुई, एसएआईईवीएसी के दस वर्ष की प्रगति की समीक्षा की गई और पांच वर्ष (2011-16) की कार्य योजना की समीक्षा की गई, इसमें छठीं गर्वंनिंग बोर्ड की सिफारिशों का प्रारूप तैयार किया गया और अगले पांच वर्ष के लिए कार्यक्रम अपनाए गए। एसएआईईवीएसी बैठक का आयोजन भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने किया था।