स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 8 June 2016 07:38:22 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रथम 'अखिल भारतीय महिला पत्रकार कार्यशाला' का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय के सहयोग से किया गया। सम्मेलन में क्षेत्रीय मीडिया संगठनों सहित प्रिंट, इलैक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला पत्रकारों ने भाग लिया। मेनका गांधी ने कहा कि हम सभी को मीडिया की शक्ति के बारे में पता है और मीडिया की पहुंच एक परिवर्तन के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि सही और सटीक जानकारी के साथ पत्रकारों को सशक्त करने की जरूरत है, जिससे समाज में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। उन्होंने पत्रकारों से दो तरफा संवाद करने का आग्रह किया, जिससे जमीनी स्तर से जुड़े लोगों की आवाज़ सरकार तक पहुंच सके।
मेनका संजय गांधी ने पिछले दो साल के दौरान महिला और बाल विकास मंत्रालय के विभिन्न कदमों के बारे में व्यापक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय किस तरह पहली बार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर कार्य कर रहा है। मेनका गांधी ने मंत्रालय के कार्यक्रमों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला ई-हार्ट, मोबाइल पर पैनिक बटन, वैवाहिक वेबसाइटों के लिए दिशा-निर्देश, पुलिस बलों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण, जेंडर चैंपियन स्कीम, गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए रेलवे के साथ उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों, जंक फूड से संबंधित दिशा-निर्देश जैसे महत्वपूर्ण कदमों के बारे में जानकारी दी। मेनका संजय गांधी ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित सभी मुद्दों पर प्रतिक्रिया और सुझाव देने के लिए पत्रकारों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि वे गोद लेने से संबंधित समस्याओं, बच्चों के पोषण, महिलाओं की सुरक्षा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रम और साथ ही महिलाओं की नीति के लिए सुझाव भी पेश करें।
महिला पत्रकार सम्मेलन के माध्यम से देश के सभी क्षेत्रों से 250 पत्रकारों को एक साथ एक मंच पर लाया गया। ये सम्मेलन सामाजिक क्षेत्र में रिपोर्टिंग करने वाली महिला पत्रकारों का एक अनूठा मंच था, जिसमें महिला और बच्चों से संबंधित मुद्दों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस दौरान पिछले दो वर्ष की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया और खासतौर पर हाल ही में जारी महिलाओं के लिए राष्ट्रीय नीति के मसौदे, ड्राफ्ट तस्करी विरोधी विधेयक, जेजे अधिनियम के अंतर्गत ड्राफ्ट विनियमन पर महिलाओं और बच्चों से संबंधित बहुत से मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया भी जानी। महिला और बाल विकास मंत्रालय महिलाओं और बच्चों से संबंधित नए विचारों और क्षेत्रों को लेकर भी आशांवित है, जिन पर आने वाले महीनों में ध्यान दिया जा सकता है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की दो साल की उपलब्धियों और नई पहल के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया। वाणिज्य मंत्री के साथ बातचीत में महिला पत्रकारों ने आम आदमी से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। महिला एवं बाल विकास सचिव लीना नायर ने पत्रकारों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के इतिहास, मंत्रालय के काम करने के अवसर और मंत्रालय के प्रयासों का ब्यौरा दिया।
पत्रकार कार्यशाला में भाग लेने आईं महिला पत्रकार देश के कई क्षेत्रीय प्रकाशनों और क्षेत्रीय चैनलों का प्रतिनिधित्व करती हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस अवसर पर अपनी दो व्यापक पहलों-बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और बाल हेल्पलाइन-चाइल्डलाइन का प्रदर्शन किया। सम्मेलन में एक साथ देश के 30 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के 120 मीडिया संस्थानों से 250 से ज्यादा पत्रकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम स्थल के बाहर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था, जिसमें चाइल्डलाइन की लाइव निगरानी प्रणाली-चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और जिला स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए किए गए प्रयासों के बारे में दिखाया गया।