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Tuesday 21 February 2017 04:59:23 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने पर उसके उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स नई दिल्ली अच्छा प्रदर्शन करता रहा है, अब इसे अपने लिए उत्कृष्टता के उच्चतर मानकों को स्थापित करने के प्रयास करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि भारत के उच्चतर शिक्षण संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग अभी भी निम्न बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कई वर्ष के प्रयासों के बाद अब मैं संतुष्ट हूं कि देश में उच्चतर शिक्षा के कम से कम तीन संस्थानों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किए हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अनुसंधान एवं नवोन्मेषण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जर्मनी, 2008 की आर्थिक मंदी एवं यूरो जोन संकट से अप्रभावित रहने वाला एकमात्र देश था, ऐसा देश के भीतर अनुसंधान एवं विकास के लिए एवं विश्वस्तरीय संस्थानों के लिए ठोस बुनियाद के कारण संभव हो पाया, जिसकी इसने स्थापना की है। राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स दशकों से शिक्षा को एक उभरते देश की जरुरतों के अनुरुप जोड़ने की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति करता रहा है, साथ ही इसने व्यवसाय एवं अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में आजीविका एवं व्यवसायिक कौशलों का भी विकास किया है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह देखकर काफी प्रसन्नता होती है कि इसके संस्थापक सर श्रीराम के एक ऐसे संस्थान की स्थापना करने के विजन को, जो उद्योग, व्यवसाय एवं आर्थिक प्रशासन की आवश्यकताओं को प्रबंधित करने के लिए युवा मस्तिष्कों को प्रशिक्षित करेगा, व्यापक रूपसे साकार कर दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम उद्योग-शिक्षाविदों के बीच आपसी और परस्पर संपर्क की बात करते हैं, जिसका श्रेय श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के संस्थापकों को जाता है कि लगभग एक सदी पहले उन्होंने शिक्षकों एवं छात्रों को वास्तविक जीवन उद्योग अनुभव पर जोर दिया।