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Friday 12 January 2018 02:12:47 AM
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पर्वतारोहियों के एक विशेषज्ञ दल ने 6 विभिन्न महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की थी और हाल में यह दल मिशन सात शिखर पूरा करने के लिए अंटाकर्टिका में माऊंट विंसन के लिए अंतिम अभियान पर रवाना हुआ है। ग्रुप कैप्टन आरसी त्रिपाठी वीएम (जी) के नेतृत्व में 5 सदस्यी दल को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दल 25 दिसंबर 2017 को अंटार्टिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा झंडा और भारतीय वायुसेना के झंडे को गौरव के साथ फहराकर वापस लौट आया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने 11 जनवरी 2018 को एक रस्मी समारोह में दल के नेता ग्रुप कैप्टन आरसी त्रिपाठी से बर्फ काटने वाली कुल्हाडी और तिरंगा झंडा प्राप्त करके दल का स्वागत किया।
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अभियान के दौरान चुनौतियों और बाधाओं का बहादुरी से सामना करने पर दल की सराहना की। उन्होंने दल को सभी महाद्वीपों के सर्वोच्च पर्वतों पर तिरंगा झंडा लहराने के ऐतिहासिक कार्य के लिए बधाई दी। बीएस धनोआ ने कहा कि भारतीय वायुसेना भारत का पहला संगठन है, जिसने 7 चोटियों का अभियान पूरा किया है, यह एक दुर्लभ उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना साहसिक चुनौतियों को पूरा करने में हमेशा अग्रणी रही है। बीएस धनोआ ने कहा कि भारतीय वायुसेना का 7 चोटी मिशन सभी 7 महाद्वीपों के शीर्ष पर्वतों पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के उद्देश्य से किया गया था।
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने बताया कि वर्ष 2005 में माऊंट एवरेस्ट पर पहुंचने का इतिहास बनाने के बाद भारतीय वायुसेना ने 2008 में मिशन सात शिखर पर्वतारोहण अभियान की अप्रत्यशित श्रृंखला लांच की थी। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपने कर्मियों के लिए नियमित आधार पर साहसिक कार्यों और खेलों को प्रोत्साहित करती है और वायुसेना कर्मियों के साहस और शौर्य को महत्वपूर्ण स्थान देती है। उन्होंने कहा कि शांतिकाल में साहसिक कार्यों में शामिल होने से सेना को मजबूती मिलती है, नेतृत्व और साथी की भावना बढ़ती है तथा निर्णय लेने में भी कारगर उपाय उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के इन करतबों से उसका नारा ‘गर्व से आसमान को छुओ’ सत्य प्रतीत होता है।