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Tuesday 30 January 2018 04:26:55 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने मछलियों में रासायनिक मिलावट या छिड़काव का पता लगाने वाली सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नालॉजी कोच्चि की विकसित किट 'त्वरित परीक्षण किट' (सिफ्टेस्ट) को लांच किया। कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने इस अवसर पर बताया कि मछलियों को जल्दी खराब होने से रोकने और बर्फ में फिसलन खत्म करने के लिए अमोनिया तथा फॉर्मेल्डहाइड का इस्तेमाल किया जाता है और जांच किट मछिलयों में दोनों रसायनों की उपस्थिति का पता लगाता है। उन्होंने बताया कि अमोनिया और फॉर्मेल्डहाइड के सेवन से मनुष्यों में अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे-पेट दर्द, वमन, बेहोशी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं और यहांतक कि व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि मछली का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, लेकिन मछलियां जल्दी खराब हो जाती हैं, उनका लंबे समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय घरेलु मत्स्य बाज़ार में फॉर्मेल्डहाइड और अमोनिया युक्त मत्स्य के व्रिकय होने की सूचनाएं आए दिन प्राप्त प्राप्त हो रही हैं, विशेषत: उन बाज़ारों में जो उत्पादन केंद्रों से दूरदराज स्थानों में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि फॉर्मेल्डहाइड एक कैंसर उत्प्रेरित करने वाला रसायन है, इसलिए मत्स्य परीक्षण में इसका उपयोग चिंतनीय है, अतः मछलियों में अमोनिया और फॉर्मेल्डहाइड का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरा है, इसे रोकना आवश्यक है। कृषिमंत्री ने कहा कि मत्स्य परीक्षण के लिए मात्र मानकीकृत मत्स्य प्रसंस्करण, संग्रहण, परिवहन एवं विपणन के कोल्ड चेन का यथोचित प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विनियमों के अनुसार मत्स्य उत्पादों को सिर्फ बर्फ के माध्यम से संरक्षित किया जाना चाहिए और मत्स्य परीक्षण के लिए किसी भी तरह के रसायन का उपयोग पूर्णत: वर्जित है।
कृषिमंत्री ने कहा कि भोजन में दूषित पदार्थों की नियमित जांच एक दीर्घकालिन प्रक्रिया है, परंतु कुछ व्यक्ति दूषित पदार्थों के रूपमें अनेक विषैले रसायनों का प्रयोग करने लगे हैं। राधामोहन सिंह ने कहा कि इन पहलुओं को ध्यान में रखकर ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कोच्चि ने अमोनिया और फॉर्मेल्डहाइड की त्वरित जांच हेतु परीक्षण किटों को विकसित किया है और इन किटों का प्रयोग उपभोक्ता सरल तरीकों से कर सकता है, किट के भीतर कागज़ की पट्टियां, रसायनिक द्रव्य और परिणाम जानने के लिए एक मानक चार्ट दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज का उपभोक्ता भोजन की गुणवत्ता की सुरक्षा को लेकर बहुत सजग है, उपभोक्ता को दूषित पदार्थों की जांच के लिए ऐसी तकनीक की जरूरत है, जो संवेदनशील सुवाद्य होने के साथ-साथ शीघ्रता से दूषित पदार्थों का पता लगा सके।