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Monday 5 February 2018 06:05:55 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोगों को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कार्ययोजना बनाकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है, इन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त रूपसे संचालित होने वाले ‘दस्तक’ जेई/ एईएस संचार अभियान के शुभारंभ पर ये विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने संचार सामग्री, स्वच्छता किट और डॉक्यूमेंट्री फिल्म की सीडी का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 38 जनपद एक्यूट इंसेफेलाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर नगर विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, पशुधन एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके ही नियंत्रण पाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि दिमागी बुखार से बचने के लिए समयबद्ध ढंग से पूरी तैयारी कर ली जाए और वैक्सीनेशन का कार्य मार्च-अप्रैल-2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जेई और एईएस वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जनपदों में टीकाकरण के साथ-साथ गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के अतिरिक्त इसके विरुद्ध लोगों को जागरूक कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है और इस कार्य के लिए शिक्षण संस्थान व स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इससे जोड़े जाने की जरूरत है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है, इसलिए गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को पुष्टाहार एवं जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है, इस कार्य में बाल विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देशित किया कि इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के संबंध में जागरुक किया जाए तथा उनके पोषण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और स्कूली बच्चों को भी रोग से बचाव एवं नियंत्रण के विषय में बताया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में वेंटीलेटर्स तथा वॉर्मर्स की सुविधा बढ़ाई जाएगी, जल जनित रोगों के उपचार और नियंत्रण के संबंध में ट्रेनिंग का विशेष प्रोग्राम चलाया जाएगा, साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ को भी दिमागी बुखार के संबंध में प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर एवं जनसुविधा के अनुकूल बनाया जा रहा है, इसके दृष्टिगत 617 गांव में सघन टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। चिकित्सा शिक्षामंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि इंसेफेलाइटिस के उपचार में स्वच्छता का सबसे अधिक महत्व है, यदि हम स्वच्छता को अपना लें तो यह बीमारी स्वतः ही समाप्त हो सकती है। कार्यक्रम में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी, यूनीसेफ की प्रदेश प्रमुख रूथ एल लियानो और चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।