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Monday 26 February 2018 09:53:35 AM
चेन्नई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री नितिन गडकरी ने आईआईटी चेन्नई में बंदरगाहों, जलमार्ग और कोस्ट के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र यानी एनटीसीपीडब्ल्यूसी की आधारशिला रखी। इस अवसर पर आईआईटी चेन्नई और नौवहन मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए। नितिन गडकरी ने कहा कि एनटीसीपीडब्ल्यूसी की स्थापना नौवहन मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम सागरमाला के तहत किया गया है, यह बंदरगाहों, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और अन्य संस्थानों के लिए इंजीनियरिंग एवं तकनीकी जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए नौवहन मंत्रालय की एक तकनीकी शाखा के रूपमें कार्य करेगी।
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एनटीसीपीडब्ल्यूसी की स्थापना से भारत में बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र के लिए प्रासंगिक स्वदेशी तकनीक के विकास को बढ़ावा मिलेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि यह सरकार की मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी और इससे सागरमाला कार्यक्रम को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्वस्तर के अत्याधुनिक केंद्र के रूपमें तैयार की गई एनटीसीपीडब्ल्यूसी नवीनतम प्रौद्योगिकी उपकरणों का केंद्र होगा और यह विदेशी संस्थानों पर हमारी निर्भरता को कम करेगा। उन्होंने कहा कि इससे अनुसंधान की लागत बहुत कम हो जाएगी, साथ ही इससे पोर्ट और समुद्री क्षेत्र में काम करने के लिए लागत और समय की बचत होगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि एनटीसीपीडब्ल्यूसी सागर, तटीय और एस्ट्रिन फ्लो, तलछट परिवहन एवं मोर्फोडायनमिक्स, नेविगेशन व क्रियान्वयन, ड्रेजिंग और गाद, बंदरगाह और तटीय इंजीनियरिंग संरचनाओं, ब्रेकवाटर, स्वायत्त प्लेटफार्मों और वाहनों के प्रायोगिक, 2डी और 3डी मॉडलिंग के क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुसंधान को जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रवाह, सीएफडी मॉडलिंग, पतवार संबंधी कामों और महासागर नवीकरणीय ऊर्जा के हाइड्रोडायनामिक्स को लेकर पारस्परिक संवाद का काम करेगा, यह केंद्र स्वदेशी सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी दिशा-निर्देशों, मानदंडों और पोर्ट संबंधी समस्याओं व समुद्री मसलों को मॉडल और सिमुलेशन के साथ रेखांकित करेगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि एनटीसीपीडब्ल्यूसी केंद्र न केवल नई तकनीक और नवाचारों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि अपने सफल व्यावसायीकरण के लिए काम करेगा, यह नौवहन मंत्रालय में काम कर रहे लोगों के लिए सीखने के अवसर भी मुहैया कराएगा। उन्होंने बताया कि एनटीसीपीडब्ल्यूसी को स्थापित करने में 70.53 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसे नौवहन मंत्रालय, आईडब्ल्यूएआई और बड़े बंदरगाह साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि नौवहन मंत्रालय फील्ड रिसर्च फसिलिटी, सिडमेंटेशन और एस्ट्रोजन मैनेजमेंट टेस्ट बेसिन व शिप/टॉ सिम्युलेटर जैसी सुविधाएं मुहैया कराने में पूंजीगत व्यय के लिए अनुदान मुहैया कराएगा। नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय, वैश्विक बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र के लिए उद्योग परामर्श परियोजनाओं के माध्यम से यह केंद्र तीन वर्ष में आत्मनिर्भर हो जाएगा।