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Tuesday 27 February 2018 06:02:39 PM
नई दिल्ली/ लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों, संस्थानों और विद्यालयों में डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर का फोटो लगाने के योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्णय को एक अच्छा कदम बताया और उसकी सराहना की है। इसी सोमवार को डॉ आंबेडकर महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ लालजी प्रसाद निर्मल के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिला था तथा उसने उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आम्बेडकर का फोटो लगाए जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय से राष्ट्रपति को अवगत कराया था। प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि डॉ आम्बेडकर का चित्र देश के सभी सरकारी संस्थानों में लगाया जाए जिसपर राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक अच्छा सुझाव है और इसे पूरे देश में लागू कराए जाने हेतु इसका परीक्षण कराएंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने इच्छा जाहिर की कि महासभा डॉ आंबेडकर के संविधान निर्माण और दलित पक्षधारिता से इतर भी उनके अनुकरणीय समग्र पक्ष को देश के समक्ष लाए। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब डॉ आंबेडकर ने महिला अधिकार, समान वेतन, प्रसूति अवकाश, हिंदू कोड बिल, काम के घंटे को निश्चित करना, साप्ताहिक अवकाश की अनिवार्यता, न्यूनतम वेतन, श्रमिक बीमा, प्राविडेंट फंड, ऊर्जा एवं सिंचाई के साधन के रूपमें भाखड़ा, दामोदर, सोन, हीराकुंड जैसे बांधों की संकल्पना एवं क्रियांवयन, सेंट्रल वाटर कमीशन, समाजवाद में राज्य की भूमिका, प्राब्लम आफ यूपी पर आधारित इम्पीरियल बैंक एवं वित्त आयोग की स्थापना जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य कराए, जनसामान्य में जिनके प्रचार प्रसार की जरूरत है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि डॉ आंबेडकर महासभा बाबासाहेब के इन पक्षों को देश के समक्ष रखने का कार्य करे। महासभा के अध्यक्ष डॉ निर्मल ने कहा कि डॉ आंबेडकर महासभा इस जिम्मेदारी का निर्वहन करेगी और बाबासाहेब के इन कार्यों का जनसामान्य में प्रचार-प्रसार करेगी। डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने राष्ट्रपति को एक विस्तृत पत्र सौंपा, जिसमें हाथ से मैला उठाने की प्रथा का पूर्ण विनाश एवं इन कार्यों में लगे लोगों को पुनर्वासन, दलित उत्पीड़न पर समस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री द्वारा बैठक बुलाने, हरियाणा, बिहार राज्यों की भॉति पूरे देश में आउटसोर्सिंग संविदा में भी आरक्षण लागू करने, प्रोन्नति में आरक्षण बिल यथाशीघ्र पारित करने, आखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग गठित किए जाने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में बीना मौर्या, अमरनाथ प्रजापति, जयशंकर सहाय, वीरेंद्र विक्रम सुमन सम्मिलित थे।