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Wednesday 14 March 2018 03:01:50 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों से अपील की है कि वे ग्रामीण डाक नेटवर्क को वितरण और लॉजिस्टिक केंद्र बनाने के लिए नेटवर्क को नया स्वरूप देकर उसे और मजबूत बनाएं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भारतीय डाक सेवा की रफी अहमद किदवई डाक अकादमी के प्रोबेशनरों से बातचीत कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वे भारत के सबसे पुराने और व्यापक नेटवर्क का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि डाकघर व्यापक नेटवर्क के साथ डाक बचत योजना और बीमा योजना उपलब्ध कराकर समाज के कमजोर वर्गों के बीच वित्तीय समावेशन की चुनौतियों को पूरा कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों की ज़िंदगी में परिवर्तन लाकर इस परिवर्तन का वाहक बनें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाकघर आईसीटी केंद्र और खुदरा केंद्र बन सकते हैं, जिससे ग्रामीण आबादी को काफी लाभ होगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि डाकघर ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को संचार सेवाएं प्रदान करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, डाकघर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संपर्क के रूपमें काम करते हैं। उन्होंने कहा कि डाकसेवक अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाला पहला व्यक्ति होता है और यह बेहतरीन सेवा है, जो दूरदराज के अंतिम व्यक्ति को मदद पहुंचाती है।
वेंकैया नायडू ने अधिकारियों को भारतीय आबादी को विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए नए विचारों के साथ नवाचारी बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डाक टिकट की ऑनलाइन बिक्री, गंगा जल वितरण, डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र, आधार नामांकन और नवीकरण केंद्रों ने लोगों की सुविधाओं को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी हमेशा नए क्षेत्रों की पहचान करते रहें, जहां वे डाकघर गुणवत्ता सेवा में बदलाव ला सकते हैं।