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Wednesday 21 March 2018 01:44:04 PM
नई दिल्ली। भारतीय डाक सेवा और भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा के परिवीक्षा अधिकारियों के समूहों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि दोनों ही सेवाओं की भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि डाकघर ऐसे दूरदराज स्थानों पर भी हैं, जहां अभी तक बैंक नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि संचार के इस युग में डाकघरों और डाक नेटवर्क प्रणाली की पुनः संरचना करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने डाकघरों को आधुनिक बैंक संबंधी कार्यों और भुगतान प्रणालियों के साथ जोड़ने की कई पहल की हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि कुछ विकसित देशों की तरह भारत में भी डाकघर महत्वपूर्ण 'वन स्टॉप शॉप्स' बन सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कॉरपोरेट और बैंकिंग प्रणाली किसी भी आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा के अधिकारियों पर कंपनियों और व्यवसायों की स्थापना और उन्हें चलाने की प्रक्रिया को सरल बनाने की जिम्मेदारी है, यह उनका संवैधानिक दायित्व है कि वे प्रत्येक कंपनी को भरोसेमंद बनाए और जनता की उसमें विश्वसनीयता कायम करने में मदद करें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि भारत का वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद लगभग 20.3 खरब अमरीकी डॉलर है और हमने 2025 तक 50 खरब अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और उन्हें व्यापार को सुविधाजनक बनाते समय कॉर्पोरेट क्षेत्र में वैध और नैतिक आचरण की आवश्यकता को भी ध्यान में रखना होगा।