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Saturday 24 March 2018 04:14:19 PM
पणजी। भारत और श्रीलंका के बीच दोस्ताना संबंधों में इजाफा करते हुए भारत के गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने श्रीलंकाई नौसेना को दूसरे अत्याधुनिक गश्ती पोत की आपूर्ति की है। गोवा के वास्कोडिगामा के वड्डम में एक समारोह में श्रीलंकाई नौसेना के बेड़े में पोत को शामिल किया गया। यह गश्ती पोत श्रीलंकाई नौसैनिक बेड़े का सबसे आधुनिक पोत होगा। भारत के इस वित्तवर्ष में श्रीलंकाई नौसेना को जीएसएल की ओर से समय से 25 दिन पहले ही आपूर्ति किया गया यह चौथा आधुनिक गश्ती पोत है। गौरतलब है कि भारत और श्रीलंका के बीच श्रीलंकाई नौसेना के लिए दो बड़े अत्याधुनिक गश्ती पोत का निर्माण एक बड़े रक्षा सहयोग और निर्यात अनुबंध के तहत किया गया है। श्रीलंकाई नौसेना को आपूर्ति किए गए गश्ती पोत का निर्माण 9 मई 2015 से ही शुरू कर दिया गया था और 2 मई 2017 को इसका जलावतरण किया गया था, इसका तय अवधि से 25 दिन पहले आपूर्ति का पूरा श्रेय गोवा शिपयार्ड को जाता है, जिसने 2500 टन वजनी ऐसे पोत को 5 वर्ष की बजाय 3 साल में बनाकर तैयारकर दिया है, जबकि 3 वर्ष पहले तक ऐसे पोत को बनाने में 5 वर्ष का समय लगता था।
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने इससे पहले श्रीलंकाई नौसेना को अपतटीय गश्ती पोत सयूराला की आपूर्ति जुलाई 2017 में की थी। श्रीलंकाई नौसेना बेड़े में सयूराला बेहतरीन काम कर रहा है, उसकी उन्नत तकनीक और निर्माण गुणवत्ता में जीएसएल के उल्लेखनीय प्रयास हैं। पोत आपूर्ति समारोह में भारत में श्रीलंकाई उच्चायुक्त चित्रांगनी वागिस्वरा, श्रीलंकाई नौसेना अध्यक्ष रियर एडमिरल एनबीजे रोसायरो, जीएसएल के अध्यक्ष और सहप्रबंध निदेशक सेवानिवृत रियर एडमिरल शेखर मित्तल, श्रीलंकाई नौसेना, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्ष बल, जीएसएल के वरिष्ठ अधिकारी और निदेशक उपस्थित थे। रियर एडमिरल शेखर मित्तल ने इस अवसर पर कहा है कि यह अत्याधुनिक गश्ती पेात श्रीलंकाई नौसेना के लिए उसके आर्थिक महत्व वाले व्यापक समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा और निगरानी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि पोत को बनाने में बरती गई सावधानी, सतर्कता और दूरगामी सोच ने इसके निमार्ण में उच्च मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया है और समुद्र एवं बंदरगाह में हुए परीक्षणों ने इस बात को प्रमाणित किया है।
रियर एडमिरल शेखर मित्तल ने कहा कि पोत के डिजाइन और इसकी परिचालन क्षमताओं ने मित्र देश श्रीलंकाई नौसेना की आवश्यकताओं को पूरी तरह से संतुष्ट किया है। श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना को समय से पहले पोत की आपूर्ति जीएसएल के कर्मचारियों और उसके नेतृत्व की दक्ष निर्माण क्षमताओं का प्रमाण है, इन पोतों की आपूर्ति ने श्रीलंकाई नौसेना की सामरिक क्षमता में ही नहीं, बल्कि भारत और श्रीलंका के दोस्ताना संबंधों को और भी अधिक मजबूती प्रदान की है। उन्होंने कहा कि समय से पहले पोतों की आपूर्ति के मामले में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। गौरतलब है कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जीएसएल को आधिकारिक रूपसे सबसे बेहतरीन शिपयार्ड के साथ ही सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला शिपयार्ड भी घोषित कर रखा है, इन चार वर्ष में जीएसएल का कुल कारोबार 60 करोड़ रुपये के घाटे से उबरकर 220 करोड़ रुपये के मुनाफे में हुआ है।