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Tuesday 27 March 2018 02:47:40 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली में सरस आजीविका मेला 2018 का उद्घाटन करते हुए कहा है कि आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण ग़रीब विशेषकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों का आर्थिक और सामाजिक दर्जा सुधारने के लिए संकल्पबद्ध है, मंत्रालय इस दिशा में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मविश्वासी, जागरुक और आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि सरस आजीविका मेला ग्रामीण महिला उत्पादकों को प्रत्यक्ष विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का प्रयास है, ताकि ग्रामीण महिला उत्पादक बिना किसी बिचौलिए के अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि उनका मंत्रालय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा अन्य उत्पादकों को अपने उत्पाद बेचने में प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण हाटों को प्रोत्साहित करता है और मंत्रालय की योजना वित्तवर्ष 2018-19 में देशभर में 22,000 ग्रामीण हाट स्थापित करने की है। उन्होंने डीएवाई-एनआरएलएम कार्यक्रम के दो प्रकाशनों-स्वयं सहायता समूह की निर्देशिका, जो सरस आजीविका मेला 2018 में भाग ले रहे स्वयं सहायता समूह की सूची है और इसमें उनके उत्पाद और संपर्क के ब्यौरे हैं तथा ग्रामीण महिलाओं के उद्यमों का सारांश, जिसमें व्यक्तियों तथा महिलाओं के सामूहिक उद्यम की सफलता की 32 गाथाएं संकलित हैं, का लोकार्पण किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि योजना से जुड़ी पांच करोड़ महिलाओं में से लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं का प्रत्यक्ष बैंक संपर्क है। उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों का ऋण बढ़ाकर 63 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है, जोकि 2014-15 में 23 हजार करोड़ रुपये था और इस ऋण के लिए एनपीए यानी अनुत्पादक परिसंपत्ति महज 2.6 प्रतिशत है।
ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि कठिन नक्सली क्षेत्रों की महिलाएं योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आ रही हैं और छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की ई-रिक्शा पहल जैसी विकास की नई कहानियां लिख रही हैं। उन्होंने मेले में स्टॉलों को देखा और ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहित किया। गौरतलब है कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का ग्रामीण ग़रीबी अपशमन का अग्रणी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सभी ग्रामीण ग़रीब महिलाओं के स्वप्रबंधित सामुदायिक संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से सक्रिय करना है, सामुदायिक संस्थाओं के वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करना और महिला सदस्य वाले परिवारों के आजीविका संसाधनों को मजबूत बनाना है। मिशन 2011 में लांच किया गया था और अब यह बढ़कर 29 राज्यों और पांच केंद्रशासित प्रदेशों के 584 जिलों के 4456 ब्लॉकों तक पहुंच गया है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना नाम से उपयोजना लगभग 33 लाख महिला किसानों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने और आजीविका को विविध संपत्ति आधार देने में समर्थन दे रही है।