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Wednesday 28 March 2018 01:03:38 PM
दार्जिलिंग। भारतीय सेना वर्ष 2018 को सेना में 'ड्यूटी के दौरान दिव्यांग सैनिकों के वर्ष' के रूपमें मना रही है, इसीके तहत राष्ट्र निर्माण में सैनिकों की निःस्वार्थ सेवा और बलिदान को याद करने के लिए 25 मार्च को दार्जिलिंग और उदयपुर सैन्य केंद्रों पर भूतपूर्व सैनिकों की एक सशक्तिकरण रैली का आयोजन किया गया। स्ट्राइकिंग लॉयन डिवीजन के मेजर जनरल एमके सागोच ने रैली का उद्घाटन किया, जिसमें युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों को मोडिफाइड स्कूटर, व्हील चेयर और अन्य संबधित उपकरणों का वितरण कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों और वीर नारियों तथा दिव्यांग सैनिकों के बच्चों के लिए शिक्षा अनुदान भी प्रदान किए गए।
भारतीय सेना अपनी परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, दिव्यांग सैनिकों के साथ-साथ पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों के लिए नौकरी के अवसरों को सुविधाजनक बनाने में भी मदद कर रही है। दार्जिलिंग में हुई रैली में 8500 से अधिक पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने भाग लिया था। आर्मी प्लेसमेंट नोड कोलकाता, सेंट्रल पेंशन सेल पीसीडीए इलाहाबाद, गोरखा रिकॉर्ड ऑफिस और सिविल प्रशासन के अधिकारियों के माध्यम से पूर्व सैनिकों की शिकायतों का भी निवारण किया गया। कार्यक्रम ने पूर्व सैनिकों से संवाद के लिए सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को एक उपयुक्त मंच प्रदान किया। रैली में लेफ्टिनेंट जनरल आरके जग्गा, कोनार्क कोर और वीसी मलिक, जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर भी उपस्थित थे। जिला सैनिक बोर्ड राजस्थान पूर्वसैनिक संगठन, वृद्धावस्था पेंशन सेल और विभिन्न कॉरपोरेट घरानों के प्रतिनिधियों ने पूर्व सैनिकों की मदद के लिए कई जागरुकता और सहायता स्टॉल भी लगाए।