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Thursday 29 March 2018 01:22:37 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मनोवैज्ञानिक आघात, बाल संरक्षण और मानसिक बीमारी पर पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू सभागार में किया, जिसका उद्देश्य बच्चों एवं किशोरों में मनोवैज्ञानिक आघात एवं उसके बाद होने वाली मानसिक बीमारी के निदान में अनुसंधान, सेवा प्रावधान एवं नैदानिक प्रचलनों का एक व्यापक समन्वय उपलब्ध कराना था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसका आयोजन अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के सहयोग से किया था।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ विरेंद्र कुमार ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक आघात एक व्यापक शब्द है, जिसमें मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न, युद्ध, प्राकृतिक आपदा, अपहरण, घरेलू हिंसा आदि जैसे कई प्रकार के अनुभव और परिस्थितियां शामिल हो सकती हैं। डॉ विरेंद्र कुमार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है और इस मुद्दे पर विचार करने एवं जनजागरुकता के लिए सामुहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि बचपन में हुए आघात अनुभवों का जीवनपर्यंत प्रभाव रहता है। उन्होंने सम्मेलन स्मारिका का भी विमोचन किया। सम्मेलन में आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर आरके चड्डा, डॉ सुजाता सत्पथी, संयुक्त सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय आस्था खटवानी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने भी अपने विचार रखे।
मनोवैज्ञानिक आघात, बाल संरक्षण और मानसिक बीमारी पर हुए इस सम्मेलन में इससे संबंधित विशेषज्ञों एवं प्रबुद्ध व्यक्तियों ने मस्तिष्क के विकास पर मनोवैज्ञानिक आघात का असर, शारीरिक भावनात्मक और यौन दुर्व्यवहार, मानव तस्करी संकट झेल चुके बच्चों में मनोवैज्ञानिक आघात, घरेलू हिंसा का सामना करने वाले बच्चे, कम उम्र की गर्भावस्था में मनोवैज्ञानिक आघात, आपदा युद्ध नागरिक संघर्ष और बच्चों में मनोवैज्ञानिक आघात, शरणार्थी शिविरों तथा सड़क पर जीवन व्यतीत करने वाले बच्चों में मनोवैज्ञानिक समस्याएं, किशोर और मनोवैज्ञानिक आघात, बच्चों द्वारा भीख मांगना, बालश्रम और मनोवैज्ञानिक आघात का खतरा, बाल वेश्यावृत्ति और आघात, पदार्थ का दुरुपयोग, गोद लिए गए बच्चों तथा विकलांग बच्चों में मनोवैज्ञानिक मानसिक आघात का जोखिम, विशिष्ट मानसिक बीमारियां, जीवन के जोखिम वाली बीमारियां और आघात, बचपन में मानसिक आघात और वयस्कता में मानसिक बीमारी का खतरा, आघात केंद्रित हस्तक्षेप, मनोवैज्ञानिक आघात आकलन, अस्पताल क्लिनिक आधारित देखभाल सेवाएं, संस्थागत देखभाल और कल्याण सेवाएं, जटिल आघात देखभाल की विधियां, प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण, सेवा प्रावधान और पुर्नवास में गो-एनजीओ का सहयोग, समुदाय आधारित देखभाल प्रावधान, निवास स्थान आधारित देखभाल प्रावधान, यौन दुर्व्यवहार और एड्स या एसटीआई, स्कूलों में मनोवैज्ञानिक आघात बदमाशी शारीरिक शोषण, साइबर अपराध, अचानक मृत्यु और आत्महत्या की घटनाओं के मामले में मनोवैज्ञानिक आघात, देखभाल करने वालों की देखभाल, बचपन में प्रतिकूल परिस्थितियों की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित मानसिक स्वास्थ्य प्रोत्साहन, प्रशासन, संचालन, प्रबंधन और वित्तपोषण में समस्याएं और चुनौतियां, दुर्व्यवहार और हिंसा में कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का इंटरफ़ेस और बाल संरक्षण सेवा प्रावधानों में नवाचार जैसे विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श किया।