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Saturday 31 March 2018 01:42:44 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने कहा है कि महिलाओं का सशक्तिकरण उन्हें गरिमामय ज़िंदगी, सम्मान के साथ बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने के योग्य बनाएगा। उपराष्ट्रपति हैदराबाद में महिला दक्षता समिति के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि आरंभिक वैदिककाल से ही जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के समान माना गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक सोच में लैंगिक समानता को एक केंद्रीय सिद्धांत माना गया है। उन्होंने कहा कि हम उस संस्कृति और विश्व दर्शन के गौरवशाली उत्तराधिकारी हैं, जिसमें महिलाओं को ना केवल समान माना गया है, बल्कि उन्हें पूज्य भी माना गया है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि भारत का दीर्घकालीन समृद्ध इतिहास अद्भुत महिलाओं की असंख्य उपलब्धियों से भरा हुआ है। चंद्रगुप्त द्वितीय की पुत्री प्रतिभा, दिल्ली की एक मात्र महिला शासक रजिया सुल्ताना, गोंड रानी दुर्गावती, राजमाता जीजाबाई और प्रसिद्ध कवियत्री मोला, जिन्होंने तेलुगु में रामायण लिखी, अक्का महादेवी, अंदल, अव्वैयर और कई महान महिलाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास अत्यधिक सफल महिलाओं की एक लंबी श्रृंखला है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी समृद्ध विरासत के बावजूद लैंगिक भेदभाव की एक दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा भी रही है, जिसके परिणामस्वरूप बालिका साक्षरता और शिक्षा में कमी आई और इसके फलस्वरूप कामकाजी जनसंख्या और राजनीति में उनका प्रतिनिधित्व घटा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, लाभदायी रोज़गार और विकास के अवसरों तक असमान पहुंच की वजह से लैंगिक असमानता और महिलाओं पर अत्याचार एवं घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले एक देश के रूपमें हमारी छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसमें सकारात्मक सुधार करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।