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Thursday 5 April 2018 03:51:50 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर एक परियोजना क्रियांवित की है, जिसे भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक स्वायत्त निकाय ‘राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान’ क्रियांवित कर रहा है। दो स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रथम चरण में एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 नवंबर 2017 को आयोजित किया गया था। अब तक 424 मुख्य प्रशिक्षकों ने 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 406 जिलों की 18,578 पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने यह कार्यक्रम ‘महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की ओर देश को उन्मुख करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने की दिशा में शुरू किया था और कहा था कि महिला सशक्तिकरण में यह काफी मददगार साबित होगा। मेनका संजय गांधी ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखते हुए यह परियोजना शुरू की थी कि प्रत्यक्ष रूपसे निर्वाचित स्थानीय गवर्नेंस में महिला प्रतिनिधियों की व्यापक मौजूदगी होने के बावजूद भी उनकी भूमिका अप्रभावी रही है। उनका कहना है कि सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के बेहतर क्रियांवयन के लिए पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के नेतृत्वकारी गुणों एवं प्रबंधन कौशल को बेहतर करते हुए उनका विकास परिवर्तनकारी एजेंटों के रूपमें करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मेनका संजय गांधी का कहना है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए देशभर में आयोजित किए जा रहे सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत महिला-पुरुष के समान प्रशिक्षण पर फोकस नहीं किया जा रहा है, जिससे इस तरह के कार्यक्रम जमीनी स्तर पर इन महिला प्रतिनिधियों के समक्ष उत्पन्न होने वाली विशिष्ट चुनौतियों को समाप्त करने के मामले में उनकी जरूरतों पर खरे नहीं उतरते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिला एवं बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों, राज्य एवं केंद्रों में विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों, ईडब्ल्यूआर के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी, सहभागिता नियोजन एवं परिसंपत्ति सृजन, सार्वजनिक कार्यों की निगरानी और नेतृत्वकारी गुणों से संबंधित प्रशिक्षण मॉडयूल विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पंचायतों की महिला सदस्यों एवं प्रमुखों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी और वे गांव की गवर्नेंस को और भी ज्यादा कारगर ढंग से सुदृढ़ कर सकेंगी।