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Wednesday 18 April 2018 07:03:10 PM
गुवाहाटी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि ऐसी स्वास्थ्य कवरेज योजनाओं को बनाने की जरूरत है, जो युवाओं, वृद्धजनों, दिव्यांग व्यक्तियों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कवर कर सके। उपराष्ट्रपति गुवाहाटी में 3.2 करोड़ लोगों की गुणवत्ता संपन्न चिकित्सा सेवा तक पहुंच के लिए असम सरकार के अटल अमृत अभियान लांच समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा पहुंचाने के सरकारी प्रयासों में पूरक बनने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए, जो सेवा प्राप्त करने वालों के स्वास्थ्य में सुधार कर सके।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों को वित्तीय जोखिम से बचाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वित्तीय नुकसान के जोखिम पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग न करना पड़े। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली से अनेक गैरसंक्रमणकारी बीमारियां हो रही हैं, ऐसी बीमारियों को रोकने की जरूरत है, क्योंकि ये बीमारियां युवाओं को चपेट में ले रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों की ओर से अनियमति जीवनशैली के खतरों, जंक फूड के उपयोग और शराब तथा तम्बाकू की उपयोग से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुकता पैदा करने के प्रयास किए जाने चाहिएं। उपराष्ट्रपति ने स्कूली पाठ्यक्रमों में बदलाव पर बल दिया, ताकि इनमें एनसीडी के पाठ्य भी शामिल किए जा सकें।
वेंकैया नायडू ने कहा कि स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए शारीरिक अभ्यास को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां कही संभव हो बच्चों को योगासनों की शिक्षा दी जानी चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के शेष भागों की तरह ही पूर्वोत्तर राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्साकर्मियों और चिकित्सा सुविधाओं का अभाव झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह खाई अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज खोलकर और ग्रामीण इलाकों में अधिक संख्या में स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करके पाटी जा सकती है। कार्यक्रम में असम के राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।