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Friday 20 April 2018 11:50:12 AM
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ओर से चलाए जा रहे बड़े युद्ध अभ्यास ‘गगनशक्ति 2018’ के तहत लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और माल वाहक विमानों को एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर तैनात किया गया है। एएलजी सीमित रेल और सड़क संपर्क वाले ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में बनाई गई छोटी हवाई पट्टियां हैं, जो देश के उत्तर और उत्तर पूर्वी सीमा क्षेत्र में सेनाओं और सैन्य उपकरणों को तेजी से पहुंचाने की दृष्टि से रणनीतिक महत्व की हैं। ये हवाई पट्टियां बहुत कम समय में बनाई गई हैं। कई स्थानों पर पूरी तरह से तैयार नहीं होने पर भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। उत्तर और उत्तर पूर्वी सीमा क्षेत्रों की घाटियों में सैनिकों की एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनाती तथा हेलीकॉप्टरों और लड़ाकू विमानों की लैंडिंग के लिए बड़ी संख्या में एएलजी का इस्तेमाल हो रहा है। वायुसेना के सुखोई-30 विमान भी पूर्वोत्तर क्षेत्र में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भर रहे हैं। बिना किसी बाधा के इन हवाई पट्टियों के इस्तेमाल के लिए यहां सभी तरह की सहायक सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
हवाई पट्टियों पर विमानों को उतारते समय विमान चालकों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें मौसम में अप्रत्याशित बदलाव, दुर्गम क्षेत्र, पहुंच के संकरे रास्ते, लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए रनवे का सीमित क्षेत्र जैसी बातें शामिल हैं। इन तमाम विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए वायुसेना के पायलट अपनी कुशल पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन करते हुए सामरिक महत्व वाला यह साहसिक अभियान चला रहे हैं। इस अभियान में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बहुत मददगार साबित हो रहे हैं। अभ्यास गगनशक्ति ने वायु सैनिकों के कौशल को निखारने के साथ ही अभियान के लिए हर तरह की मदद उपलब्ध कराने का बेहतरीन मौका दिया है।