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भगवान बुद्ध ही विश्व शांति का मार्ग

बुद्ध पूर्णिमा पर दुनियाभर में विशेष कार्यक्रम

बुद्ध पूर्णिमा पर बधाईयां और शुभकामनाएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 30 April 2018 04:26:46 PM

lord buddha

नई दिल्ली। आज बुद्ध पूर्णिमा है और भारत सहित विभिन्न देशों में सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर बुद्ध पूर्णिमा का विश्वविख्यात पर्व मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि 21वीं सदी में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं अत्यधिक प्रासंगिक हैं, उनका जीवन समाज से पीड़ा की समाप्ति एवं अन्याय दूर करने के लिए समर्पित था, उनकी दया भावना से वे लाखों करोड़ों लोगों के प्रिय आराध्य बन गए। बुद्ध पूर्णिमा का भव्य आयोजन दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय का आह्वान किया कि वह भगवान बुद्ध के शांति संदेश को विश्व शांति का जरिया बनाएं और मिलजुलकर स‌मृद्धि के मार्ग प्रशस्त करें।
भारतवर्ष में विभिन्न प्रांतों, नगरों और गांवों तक में भिन्न-भिन्न समूहों संगठनों और संस्‍थानों में बुद्ध पू‌र्णिमा पर गोष्ठियों और संवाद के वृहद आयोजन किए गए हैं। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए यह एक खास पर्व है। गौरतलब है कि यह पर्व बैसाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ था। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय, अखिल भारतीय बौद्ध महासभा, अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ लालजी निर्मल ने भी बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। राज्यपाल ने बधाई संदेश में कहा है कि भगवान गौतम बुद्ध ने अहिंसा, कर्म, समानता और मोक्ष प्राप्ति के लिए सहज साधना का जो मर्म बताया था, वह अनुकरणीय है और हजारों वर्ष पूर्व दिए गए उनके उपदेश हर व्यक्ति के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि भगवान बुद्ध के सत्य, अहिंसा और दया के संदेश से ही पूरी दुनिया में शांति एवं सद्भावना स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश मानव मात्र के लिए हमेशा प्रासंगिक बना रहेगा। उधर भारत की राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में गौतम बुद्ध की 2562वीं जयंती बेहद भव्य कार्यक्रम के साथ मनाई गई। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संगठन के सहयोग से शुभ 'बुद्ध जयंती-2018' का आयोजन किया, जिसमें बौद्ध परंपरा के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में बौद्ध संस्थाओं का एक समूह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उपस्थिति था। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंगठन के महासचिव वेन डॉ धम्मप्रिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय से विशेष रूप से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम लाए गए पवित्र प्रतीकों के प्रति सम्मान प्रकट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजनीय संघ को संघ दान यानी चीर वस्त्र एवं बोधि वृक्ष की पवित्र पत्ती दान की। कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी 'बुद्धम शरणम गच्छामि' का भी आयोजन किया गया, जिसमें भित्ति चित्रों, तस्वीरों और बौद्ध धर्म से संबंधित पुरानी वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया। बौद्ध दर्शन, बौद्ध धर्म के बारे में प्राचीन भारतीय दर्शन का अभिन्न अंग रहा है, क्योंकि बुद्ध को अधिकांशतया उनकी करुणा की वजह से याद किया जाता है। भारतीय हिमालय में बौद्ध परंपरा पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में लद्दाख तक फली-फूली है। इसके अतिरिक्त भारत में ऐसे समुदाय भी हैं, जोकि बुद्ध की शाक्य वंश परंपरा और सम्राट अशोक की मौर्य वंश परंपरा से अपना उद्भव मानते हैं। इस आधुनिक समय में बुद्ध की मानवता और करुणा की शिक्षाओं के महत्व को देखते हुये संयुक्त राष्ट्र ने 1999 में इस शुभ दिन के महत्व को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था। कई दक्षिण एशियाई देशों के लिये 'बौद्ध धर्म' एक साझा परंपरा रही है, जोकि इन देशों को और एशिया में कई अन्यों को भारत से जोड़ती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में घोषणा की थी कि बुद्ध जयंती को देश एक वार्षिक आयोजन के तौर पर मनाएगा। इसीके अनुरूप संस्कृति राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा की अध्यक्षता में एक आयोजन समिति का गठन किया गया था, जिसके सहअध्यक्ष गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू हैं। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ, जोकि दुनियाभर में फैले बौद्ध संगठनों का महासंघ है और जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, इसके महासचिव वेन डॉ धम्मप्रिया भारत में इस आयोजन समिति के संयोजक हैं। इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री डॉ रामदास अठावले, लोकसभा सांसद डॉ उदित राज, लोकसभा सांसद डॉ सुमित गायकवाड़ और परमपूज्य डॉ राहुल बोधि, परमपूज्य शांतिमित्र महाथेरा एवं धम्माचार्य शांतुम सेठ भी इस समिति के सदस्य हैं। समिति ने बुद्ध पूर्णिमा पर यह शानदार आयोजन किया, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशंसा की और बौद्ध धर्म पर अपने उपयोगी विचार प्रकट किए।

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