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Monday 30 April 2018 05:47:07 PM
कारसेवकपुरम (अयोध्या)। श्रीराम मंदिर निर्माणार्थ 21 अप्रैल से आरंभ हुई श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथा व्यास मुरलीधर ने भगवान श्रीराम के अनेक प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने अपने माता-पिता की आज्ञा को शिरोधार्य किया, वनगमन किया और राक्षसों का विनाश किया। उन्होंने सतीश वैष्णव को साधुवाद कहा, जिन्होंने अपने माता-पिता की स्मृति में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में श्रीराम कथा का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि संकल्प बड़ा होता है और वह तब अवश्य पूर्ण होता है, जब भगवान की कृपा हो। उन्होंने श्रीराम के मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कथा आयोजक सतीश वैष्णव, अतिथियों, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना पर ईश्वर की विशेष अनुकम्पा है।
कथा व्यास मुरलीधर ने कहा कि श्रीराम कथा का श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रवण का अपना ही महत्व है। उन्होंने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से श्रीराम कथा का आयोजन हुआ। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश से पधारे लोकेश शर्मा ने स्वामी चिदानंद का संदेश भी पढ़कर सुनाया। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज ने इस अवसर पर कहा कि यह सभी का सौभाग्य है कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में उन्हीं की कथा में बड़ा समागम हुआ। श्रीराम कथा समापन में उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने महाराज का अभिनंदन किया, प्रणाम किया और कहा कि हम सबकी इच्छा है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का शीघ्र ही भव्य मंदिर बने। उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है और संवैधानिक प्रक्रियाओं के अंदर ही मंदिर का निर्माण संभव हो, इसकी हमसब भगवान से प्रार्थना करें। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया सर्वोपरि है, सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से ही श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
अयोध्या के महंत रामविलास वेदांती ने श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु श्रीराम कथा को अद्भुत संयोग बताते हुए कहा कि जो माता-पिता की इच्छा को सर्वोपरि मानकर उनकी इच्छापूर्ति के लिए कार्य करते हैं, ऐसे संस्कारवान लोगों पर ईश्वर विशेष कृपा करते हैं। उन्होंने कहा कि वे वर्षों से भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए संकल्पित हैं और यह संकल्प अब शीघ्र पूर्ण होगा, इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। देश के विभिन्न राज्यों से पधारे गणमान्य लोगों ने श्रीराम कथा आयोजक सतीश वैष्णव का स्वागत-सम्मान किया। सतीश वैष्णव ने अपने उद्बोधन में स्वामी चिदानंद सरस्वती, कथा व्यास मुरलीधर, राज्य के वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना, महंत रामविलास वेदांती और अतिथियों का धन्यवाद किया।