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Friday 4 May 2018 01:02:46 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में एक समारोह में 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने अभिनेता विनोद खन्ना और अभिनेत्री श्रीदेवी को भी मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं अभिनेत्री का सम्मान दिया। इस अवसर पर अभिनेत्री श्रीदेवी के पति बोनी कपूर और बेटियां जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर ने यह सम्मान प्राप्त किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर कहा है कि हमारी फिल्में उस विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं और उसमें योगदान भी देती हैं, जो भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि हमारी फिल्मों की कहानियां हमारी सभ्यता और हमारे साझा समुदाय के आदर्शों के प्रति सच्चा बने रहने के लिए हमें प्रेरित करती हैं, वे हमें शिक्षित करती हैं और हमारा मनोरंजन करती हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्में हमारे सामने सामाजिक चुनौतियों का एक प्रतिबिंब पेश करती हैं, जिनका हमें अभी भी सामना करना है और वे ऐसा उस भाषा में करती हैं, जो सार्वभौमिक है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में फिल्में भोजपुरी से लेकर तमिल, मराठी, मलयालम और कई अन्य विविध भाषाओं में बनाई जाती हैं, फिर भी सिनेमा अपने आपमें एक भाषा है। राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदी सिनेमा ने संभवत: किसी भी अन्य संस्थान की अपेक्षा देशभर में एक भाषा के रूपमें हिंदी को लोकप्रिय बनाने में सबसे अधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मानवता की सराहना करने एवं सत्यजीत रॉय या ऋतविक घटक की सूक्ष्म भावनाओं को समझने के लिए आपका बंगाली होना जरूरी नहीं है, बाहुबली के महाकाव्य से सम्मोहित होने के लिए हमें तेलुगु जानने की आवश्यकता नहीं है और हमें नहीं भूलना चाहिए कि एआर रहमान, जिन्होंने एकबार फिर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है, ने उनके दिलों में भी अपनी आरंभिक छाप छोड़ी, जो उनके गाने के तमिल शब्दों को नहीं समझते थे फिर भी वे उनके संगीत से मंत्रमुग्ध हो गए थे।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि सिनेमा संस्कृति है और इसके साथ ही सिनेमा वाणिज्य भी है, प्रत्येक वर्ष लगभग 1500 फिल्में बनाए जाने की बदौलत भारतीय फिल्म उद्योग की भी गिनती दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योगों में की जाती है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सॉफ्ट पावर की एक अभिव्यक्ति है और इसने अनेक महाद्वीपों में अपनी विशिष्ट छवि बनाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी फिल्में जापान, मिस्र, चीन, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ कई अन्य सुदूरवर्ती देशों में भी देखी एवं सराही जाती हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में हमारे सबसे प्रमुख सांस्कृतिक निर्यातों में से एक हैं और इसके साथ ही फिल्में वैश्विक भारतीय समुदाय को हमारे देश में अंतर्निहित जीवन की लय के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम सिनेमा और व्यापक मनोरंजन अर्थव्यवस्था के रोमांचक और परिवर्तनकारी समय में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने फिल्म निर्माण की प्रक्रिया तथा इनको देखेजाने के तरीकों को बदल दिया है, कम लागत वाले डेटा, स्मार्ट फोन और टेबलेट के आगमन से लोगों द्वारा फिल्मों को देखे जाने के पैटर्न में स्पष्ट बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग इन बदलावों के अनुसार बदल रहा है। उन्होंने आश्वस्त होकर कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग ऐसी रणनीतियां अपनाएगा, जो चुनौतियों को अवसरों में बदल देंगी और फिल्म निर्माता भी यह अनुभव करेंगे कि विशिष्ट सामग्री निर्माण की लागत कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह उन्हें स्तर को ऊंचा करने में प्रोत्साहन प्रदान करेगा।