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Monday 7 May 2018 12:37:12 PM
चेन्नई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के 160वें दीक्षांत समारोह एवं गुरुनानक महाविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 19वीं सदी के मध्य से ही मद्रास विश्वविद्यालय हमारी राष्ट्र निर्माण परियोजना का केंद्र बिंदु रहा है। उन्होंने कहा कि मद्रास विवि भारत में शिक्षा, बौद्धिक उन्नति एवं ज्ञान उत्पादन की मजबूत बुनियाद के लिए उत्तरादायी संस्थानों में से एक रहा है और इस क्षेत्र में यह विश्वविद्यालयों की जननी के नाम से लोकप्रिय है। राष्ट्रपति ने कहा कि निरंतरता के साथ बदलाव की अभिव्यक्ति का अक्सर उपयोग और कई बार इसका अति उपयोग भी किया जाता है, लेकिन कई संस्थानों के लिए यह बहुत सार्थक है और मद्रास विश्वविद्यालय भी एक ऐसा ही संस्थान है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मद्रास विश्वविद्यालय की कई विशेषताओं में से एक है कि इसने बदलाव को समाविष्ट किया, लेकिन मूलभूत मूल्यों को भी यथावत बनाए रखा। राष्ट्रपति ने कहा कि मद्रास विश्वविद्यालय को तमिलनाडु की विद्वता की परंपरा से, जो तमिलनाडु की पहचान है, से लाभ पहुंचा है और इसने उसमें योगदान भी दिया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में रहने वाला एक साधारण परिवार भी शिक्षा के मूल्य पर समुचित जोर देता है। राष्ट्रपति ने कहा कि तमिलनाडु की अनुसंधान एवं नवान्मेषण की गौरवपूर्ण संस्कृति है, यह चाहे विशुद्ध विज्ञानों में हो या फिर चिकित्सा में या फिर अभियांत्रिकी और विनिर्माण में, यहां काफी उन्नत आईटी क्षेत्र हैं और बढ़ती हुई डिज़िटल अर्थव्यवस्था में वे काफी सहयोग देते हैं।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि तमिलनाडु के लोग एवं मद्रास विश्वविद्यालय जैसे संस्थान हमारे देश के लिए मॉडल यानी आदर्श हैं, हम ऐसे संस्थानों की तरफ ही 21वीं सदी के आरंभ में दिशा एवं नेतृत्व के लिए देखते हैं। उन्होंने कहा कि मद्रास विश्वविद्यालय जैसे संस्थान इस यात्रा में हमारे मांझी हैं। राष्ट्रपति ने गुरुनानक महाविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह में भी भाग लिया और चेन्नई के वेलाचेरी में गुरु अमरदास ब्लॉक एवं शहीद बाद दीप सिंह सभागार का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति को यह जानकर बेहद प्रसन्नता हुई है कि गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी, जो महाविद्यालय को संचालित करने वाला एक गैर सरकारी संगठन है, चेन्नई में रहने वाले 250 सिख परिवारों द्वारा समर्थित है। दीक्षांत समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी मौजूद थे।