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Thursday 10 May 2018 12:26:55 PM
नई दिल्ली। रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती पर राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदर्शनी का शीर्षक गुरूदेव दी जर्नी ऑफ द मेस्ट्रो था। प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत में अर्जेंटीना के राजदूत डेनियल चुबरू, अमरीकी दूतावास में लोक मामलों के मंत्री के परामर्शदाता जेफरी सेक्सटोन, हंगरी दूतावास के सूचना एवं संस्कृति केंद्र में निदेशक और सांस्कृतिक परामर्शदात प्रोफेसर डॉ जोल्टन विलियम, चीनी दूतावास के सांस्कृतिक परामर्शदाता शी झांग जियांसिन, मेक्सिको दूतावास के सांस्कृतिक परामर्शदाता सेंटियाग रूय सेंजेज, स्पेनिश सांस्कृतकि संस्थान के कार्लोस वरोना ने किया था।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वेत गणनायक ने इस अवसर पर कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी लोगों की यह कलाकृतियां दृश्य भाषा में उनके बहुमूल्य योगदान की झलक दिखाती हैं। रविंद्रनाथ टैगोर के बारे में अद्वेत गणनायक ने कहा कि उनमें बचपन से ही साहित्य, कला, संगीत और नृत्य के प्रति खास रूझान था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1913 में रविंद्रनाथ टैगोर ऐसे पहले भारतीय बने, जिन्हें नोबेल सम्मान प्राप्त हुआ, उन्हें उनके उपन्यास गीतांजलि के लिए नोबेल सम्मान से नवाजा गया था। अद्वेत गणनायक ने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर ने प्रथाओं को बदलकर आधुनिकता का मार्ग प्रशस्त किया और बांग्ला साहित्य के माध्यम से वे भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगदृष्टा थे।