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Friday 11 May 2018 02:58:25 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने कहा है कि अब समय आ गया है कि जब ऐसे कानून, आचार नीति एवं नियम स्थापित किए जाएं, जो मीडिया उद्योग को संतुलित करने में मदद करें, ताकि किसी प्रभावशाली कंपनी का उसपर पूरा नियंत्रण न हो पाए। स्मृति जुबिन इरानी ने यह बात 15वें एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि भारत में 2021 तक लगभग 969 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हो जाएंगे और भारतीय मीडिया उद्योग डिज़िटल वर्ल्ड को न केवल एक चुनौती के रूपमें, बल्कि एक अवसर के रूपमें भी देख रहा है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने एक सवाल भी किया कि हम किस प्रकार ऐसी प्रतिभाओं को आकृष्ट कर सकते हैं, उन्हें बनाए रख सकते हैं और विकसित कर सकते हैं, जो अच्छी विषयवस्तु को मुनाफे की जरूरत के जाल से मुक्त रखे और मीडिया संस्थानों में संतुलन बनाए?
सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने भारतीय मीडिया उद्योग के विस्तार की संभावना के बारे में कहा कि भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला विज्ञापन बाज़ार है, इसके 2018 के आखिर तक 10.59 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है और मोबाइल व्यय के 2018 में 1.55 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक गतिशील मीडिया उद्योग है, जिसका 1.35 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष स्थापित प्रभाव है तथा 4.5 लाख करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष और उत्प्रेरित लाभ है और लगभग 4 मिलियन लोग इससे जुड़े हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि एशिया मीडिया सम्मेलन में आए नए विचारों से हम बेहतर मानवता के लिए मीडिया संस्थानों को सुदृढ़ बनाने के रास्तों की तलाश कर सकेंगे। गौरतलब है कि 15वें एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली एवं ब्रॉडकॉस्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड के सहयोग से कर रहा है। इस वर्ष सम्मेलन का विषय 'अपनी कहानियों की अभिव्यक्ति-एशिया और आगे है', जो क्षेत्र में प्रसारण क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करेगी।
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसनौल हक इनू ने एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 6 जटिल चुनौतियों-ग़रीबी, लैंगिक विषमता, आतंकवाद, आईसीटी क्रांति, जलवायु परिवर्तन एवं विषम भूमंडलीकरण का जिक्र किया, जिनका आज विश्व सामना कर रहा है। साइबर अपराधों पर चिंता जताते हुए उन्होंने मीडिया को सुरक्षित और प्रगतिशील बनाए रखने के लिए साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कंबोडिया के सूचना मंत्री डॉ खियू-कनहरित ने कहा कि कि हम कंबोडिया में प्रेस की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं, हम चौथे स्तंभ के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहते हैं। यूनेस्को नई दिल्ली कार्यालय के निदेशक सिगेरू आयागी ने दुनिया में शांति एवं साझेदारी बनाने में मीडिया की भूमिका की चर्चा की। सिगेरू आयागी ने यूनेस्को संविधान-चूंकि युद्ध की अवधारणा लोगों के दिमाग में पैदा होती है, इसलिए हमें लोगों के दिमाग में शांति स्थापित करने की आवश्यकता है को उद्धृत करते हुए मीडिया से जिम्मेदारी के साथ एवं रचनात्मक तरीके से ख़बरें देने की अपील की। अंतर्राष्ट्रीय विभाग के महानिदेशक एवं ईरान के आईआरआईबी के अध्यक्ष के सलाहकार डॉ अब्बास नासेरी ताहेरी ने अतीत एवं वर्तमान के बीच संबंध स्थापित करने के लिए एशियाई संस्कृतियों में नवोन्मेषी तरीके से सामाजिक कहानियों का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव अमीना जे मोहम्मद ने वीडियो संदेश के माध्यम से विश्व में डिज़िटल विभाजन पाटने को कहा, जिससे समुदाय में हर व्यक्ति सार्थक तरीके से भागीदारी करने में समर्थ हो सके। उन्होंने एक निर्वहनीय विश्व के निर्माण में मीडिया की भूमिका भी रेखांकित की। टाइम्स ग्रुप के एमडी विनीत जैन ने एक निष्पक्ष बाज़ार के लिए नियामक संबंधी सुधारों पर चर्चा की, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचे। पत्र सूचना कार्यालय के महानिदेशक सितांशु कार ने 23 प्रमुख भाषाओं और लगभग 720 बोलियों में कहानी कहने की भारत की मजबूत परंपराओं की चर्चा की। यह पहला अवसर है, जब एशियाई मीडिया सम्मेलन का भारत में आयोजन किया जा रहा है। उनतालीस देशों सार्क, आसियान, पूर्वी एशिया, अफ्रीका, ओसानिया, यूरोप, सीरिया, उज्बेकिस्तान, अमेरिका, चीन का प्रतिनिधित्व करने वाले 220 से अधिक विदेशी शिष्टमंडल और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा भारतीय मीडिया उद्योग के सदस्य इसमें भाग ले रहे हैं।