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Monday 14 May 2018 06:07:12 PM
नई दिल्ली। पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय ने दिल्ली के सुब्रतो पार्क में मानवीय और आपदा राहत विषय पर सेमिनार का आयोजन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के उत्तरी क्षेत्र में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी उपायों पर फोकस करना था। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना आपदा के समय सामान्यतः सबसे पहले कार्रवाई करती है और प्रभावित आबादी को मदद देने की प्रक्रिया शुरू करती है। भारतीय वायुसेना न केवल चेन्नई में चक्रवात, उत्तराखंड में वर्षा और बाढ़, जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और चक्रवाती तूफान हुद हुद के दौरान आंध्रप्रदेश में व्यापक स्तर पर राहत और बचाव कार्यों का संचालन किया है, बल्कि वायुसेना ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा की स्थितियों जैसे यमन से भारतीय समुदाय के लोगों को सुरक्षित निकालना, नेपाल में आए भूकंप में ऑपरेशन मैत्री राहत, फिजी में तूफान राहत और श्रीलंका में बाढ़ राहत अभियान चलाकर बड़े स्तर पर जान-माल की सुरक्षा की है।
भारतीय वायुसेना आपदा राहत कार्यक्रमों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने, खोज एवं बचाव और आपदा क्षेत्रों में नागरिक निकासी उपक्रम में व्यापक सहायता प्रदान करती है। वायुसेना के आपदा राहत सेमिनार में आपदा प्रबंधन और क्षमता सृजन पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण तथा शामिल राज्यों के लिए आपदा राहत पर विचार-विमर्श हुआ। सेमिनार में आपदा के समय भारतीय वायुसेना के उपयोग पर भी चर्चा हुई। पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी एयर मार्शल एनजेएस ढिल्लो ने इस अवसर पर कहा कि इस सेमिनार से कारगर, सक्षम और आर्थिक दृष्टि से संतुलित कार्रवाई के बारे में आपदा अनुक्रिया में शामिल सभी एजेंसियों के बीच स्पष्ट समझदारी बढ़ेगी और इससे निश्चित रूपसे आपदा के समय होने वाले जानमाल के नुकसान में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में पश्चिमी वायु कमान के विमान और कर्मी इन संचालनों को अंजाम देते हैं और पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय अपने उत्तरदायित्व वाले क्षेत्र में इस तरह के सेमिनार आयोजित करता रहता है। सेमिनार में भारतीय वायुसेना के हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के सचिव स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और आपदा की स्थिति से निपटने वाले संगठनों जैसे एनडीएमए, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।