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Thursday 17 May 2018 01:55:21 PM
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ‘रेलवे चिल्ड्रन इंडिया’ के सहयोग से तैयार की गई बच्चों के अनुकूल और रेलवे के संपर्क में आने वाले बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने की निर्देश पुस्तिका का हैबिटेट वर्ल्ड में हुए एक कार्यक्रम में विमोचन किया। अश्विनी लोहानी ने इस अवसर पर कहा कि विपत्ति में फंसे बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के मुद्दे पर अधिक संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों पर बच्चों के अनुकूल वातावरण तैयार करने के खाके के रूपमें इस पुस्तिका का उपयोग किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने बताया कि रेल कर्मचारियों और कुलियों तथा विक्रेताओं सहित अन्य हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए एनसीपीसीआर के सहयोग से 8 जून 2018 से बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लोगों और हितधारकों के बीच जागरुकता और सतर्कता बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे और ‘सेव द चिल्ड्रन’ के साथ विचार-विमर्श कर भारतीय रेल के संपर्क में आने वाले बच्चों की सुरक्षा पर तैयार की गई सूचना शिक्षा संचार सामग्री का भी विमोचन किया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ भी कार्यक्रम में मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि लापता या घर के अत्याचारपूर्ण माहौल से भागकर रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंचने वाले बच्चों की सुरक्षा की आवश्यकता है, क्योंकि अजनबिओं द्वारा उनका उत्पीड़न किए जाने का खतरा अधिक रहता है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने कहा कि बच्चों के अनुकूल और रेलवे के संपर्क में आने वाले बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने की निर्देश पुस्तिका से रेलवे प्लेटफार्म पर बच्चों की सुरक्षा की खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी। रेल पुलिस बल के महानिदेशक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आरसीआई प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर रही है। उन्होंने बताया कि आरपीएफ रोजाना ऐसी गतिविधियों की निगरानी करता है और उसने इन 4 वर्ष में लगभग 35,000 बच्चों को बचाया है। धर्मेंद्र कुमार ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क से दी जा रही सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी। रेलवे चिल्ड्रन इंडिया के निदेशक नवीन सेल्लाराजू ने कार्यक्रम में रेलवे स्टेशनों पर बाल संरक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए सिविल सोसाइटी संगठन, एनसीपीसीआर और रेलवे को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अनुमान है कि भारत में प्रति 5 मिनट में एक बच्चा रेलवे स्टेशन पहुंचता है, जिसके कारण वह बच्चा कई खतरों और उत्पीड़न का शिकार हो सकता है, इसलिए रेलवे स्टेशनों पर मौजूदा बाल सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना आवश्यक है। वर्ष 2015 में भारतीय रेल, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और एनसीपीसीआर ने रेलवे के संपर्क में आने वाले बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे की मानक परिचालन प्रक्रिया का शुभारंभ किया था, जो बच्चों की सुरक्षा में पथ प्रदर्शक बना। हालांकि ऐसे कई स्टेशन हैं, जहां एसओपी की शुरूआत की जानी है और आशा है कि यह निर्देश पुस्तिका इस कमी को पूरा करने में मददगार साबित होगी।