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Friday 1 June 2018 02:03:13 PM
नई दिल्ली। भारत अप्रैल 2017 से मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को नारियल तेल का निर्यात करने लगा है, इसके साथ ही भारत पहलीबार अमेरिका और यूरोपीय देशों को बड़ी संख्या में शुष्क नारियल का निर्यात कर रहा है। पहले भारत मार्च 2017 तक नारियल तेल का आयात करता था। वर्ष 2010-14 के 9,561 हेक्टेयर की तुलना में वर्ष 2014-18 में 13,117 हेक्टेयर क्षेत्र को नारियल के नए बागान के अंतर्गत लाया गया है। नारियल के उत्पादन में बढ़ोतरी की बदौलत ही भारत अप्रैल 2017 से मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को नारियल तेल का निर्यात करने लगा है, जबकि मार्च 2017 तक भारत नारियल तेल का आयात करता था। भारत ने वर्ष 2017-18 के दौरान 1602.38 करोड़ रुपये मूल्य के नारियल का निर्यात किया, जबकि आयात केवल 259.70 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
भारत ने वर्ष 2014-18 के बीच नारियल की खेती में अभूतपूर्व प्रगति की है और अब यह नारियल के उत्पादन और उत्पादकता में विश्व में अग्रणी देश बन गया है। वर्ष 2013-14 में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 10122 फलों की थी, जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 11516 फलों तक पहुंच गई है। वैज्ञानिक नारियल खेती विधियों के किसान सहभागिता निर्देशन के अंतर्गत विभिन्न नारियल उत्पादक राज्यों में इन चार वर्ष में 62403 हेक्टेयर लाया गया, जो वर्ष 2010-14 तक 36477 हेक्टेयर था। उल्लेखनीय है कि नए क्षेत्रों में नारियल खेती का फैलाव हुआ है। वर्ष 2014-18 तक विभिन्न राज्यों में नारियल खेती के अधीन 13117 हेक्टेयर का नया क्षेत्र लाया गया है, जो वर्ष 2010-14 तक कुल 9561 हेक्टेयर था।
वर्ष 2014-18 में 5115 नारियल उत्पादक समितियां, 430 नारियल उत्पादक फेडरेशन और 67 नारियल उत्पादक कंपनियां गठित की गईं, जबकि वर्ष 2004-14 के दौरान यह संख्या क्रमश: 4467, 305 और 15 थी। नारियल उत्पादों के निर्यात से अर्जित आय वर्ष 2014-18 के दौरान 6448 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो वर्ष 2004-2014 तक 3975 करोड़ रुपये थी। कौशल विकास कार्यक्रम ‘फ्रेंड्स ऑफ कोकोनट ट्री’ के अंतर्गत 33228 बेरोज़गार युवकों को प्रशिक्षण दिलाया गया है, जबकि वर्ष 2004-14 तक यह संख्या 27770 थी।