स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 June 2018 04:11:04 PM
नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत से बाहर भारतीय दवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय वाणिज्य विभाग ने चीन में भारतीय दूतावास के समन्वय से बाज़ार में पहुंच स्थापित करने के लिए भारत की पहल योजना के तहत 'चीन को भारतीय दवा उत्पादों का निर्यात बढ़ाना' विषय पर एक अध्ययन कराया है, ताकि चीन के बाज़ार की सही समझ विकसित की जा सके और भारत के जेनेरिक ड्रग्स को चीन के बाज़ार में पहुंच दिलाने के लिए एक केंद्रित और उपयुक्त रणनीति के विकास के लिए भारतीय दवा उद्योग की मदद की जा सके। अध्ययन ने चीन में चिकित्सा सेवा बाज़ार, दवा बाज़ार, वितरण प्रणाली, नीलामी एवं खरीद प्रक्रिया और नियामक परिदृश्य की पड़ताल की है।
चीन को दवाओं के निर्यात अध्ययन ने इस विषय पर भी संस्तुतियां की हैं कि कैसे चीन के बाज़ार में प्रवेश किया जाए। चीन के स्वास्थ्य सेवाक्षेत्र में लगातार तीव्रगति से विकास हो रहा है और एक अनुमान के मुताबिक दवाओं की खपत, जोकि वर्ष 2011 में 357 अमेरिकी डॉलर थी, उसके 2020 तक बढ़कर एक खरब अमेरिकी डॉलर हो जाने की उम्मीद है। दवाइयों से लेकर चिकित्सा उत्पादों से लेकर स्वास्थ्य सेवा उपभोक्ताओं के हर मामले में चीन विश्व के सबसे आकर्षक बाज़ारों में से एक बना हुआ है और सभी प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में चीन अभी तक सबसे तेजी से बढ़ता बाज़ार है। आईएमएस हेल्थ की टीम ने इसे फार्मेक्सिल और इस उद्योग के अन्य हितधारकों के साथ इस अध्ययन को पूरा किया है।