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Wednesday 20 June 2018 01:07:21 PM
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अमेजन इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की उपस्थिति में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य अमेजन वेब सर्विसेज के शैक्षणिक कार्यक्रम तक पहुंच सुनिश्चित करके क्लाउड-रेडी रोज़गार कौशल विकसित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग पर एक क्लाउड रिसर्च लैब की स्थापना में आवश्यक मदद करना है। क्लाउड रिसर्च लैब विद्यार्थियों को भारत के लिए ऐसी अनुसंधान पहल करने हेतु एडब्ल्यूएस क्लाउड प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का अवसर प्रदान करेगी, जिसके तहत एआई तथा एमएल पर फोकस किया जाता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस अवसर पर कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि अमेजन क्लाउड कम्प्यूटिंग, डेटा सेट और कई अन्य ऐसी नई प्रौद्योगिकियों में मुफ्त एवं आवश्यक सेवाएं मुहैया कराने के लिए आईआईटी-बीएचयू से हाथ मिलाया है, जो हमारे विद्यार्थियों और संकाय को बेहतर एवं ध्यान केंद्रित अनुसंधान के लिए सशक्त बनाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए अनुसंधान और अभिनव प्रयासों के लिए सदैव विशेष जोर देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बिल्कुल सही मानना है कि जबतक हम अभिनव उत्पाद नहीं बनाएंगे, तबतक हम निरंतर समृद्धि हासिल नहीं कर पाएंगे और इसके लिए हमारे देश में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचारों को अगले स्तर पर ले जाना होगा। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह गठबंधन इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आईआईएससी स्थित हमारी नैनोटेक्नोलॉजी लैब एक और सराहनीय विशेषता है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इससे लागत में कमी आएगी और समय बचेगा, क्योंकि विद्यार्थियों के बेहतरीन अनुसंधान से किसान एवं अन्य लोग सहित समाज के सभी तबके लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा कि आईआईटी-बीएचयू, जो 100 साल से भी अधिक अवधि से अपना अस्तित्व बरकरार रखने वाले बीएचयू परिवार का एक हिस्सा है, अब अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों में हो रहे अनुसंधान भी समृद्ध होंगे। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उच्चशिक्षा वित्त एजेंसी के शुभारंभ, अतिरिक्त संसाधनों से भारी-भरकम बजट आवंटन होने, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप और इम्प्रिंट स्कीम तथा उच्चतर आविष्कार योजना जैसे कार्यक्रमों की बदौलत भारत में अनुसंधान एवं नवाचार को नया आयाम मिलेगा।