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Monday 2 July 2018 01:29:08 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 1 जुलाई को प्रथम जीएसटी दिवस मनाया और जीएसटी की प्रथम वर्षगांठ पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो लिंक के जरिए देश के गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए देश में जीएसटी को ऐतिहासिक कर सुधार प्रयास बताया। अरुण जेटली ने जीएसटी पूर्व कर प्रणाली का स्मरण किया और कहा कि भारत में जीएसटी से पहले जो कर प्रणाली थी, वह दुनिया की सर्वाधिक जटिल कर प्रणालियों में से एक थीं। उन्होंने कहा कि तरह-तरह के करों, करदाताओं द्वारा कई तरह के रिटर्न भरने, अनगिनत कर अधिकारियों से सामना होना, टैक्स पर टैक्स लगाए जाने, बढ़ती महंगाई, देशभर में वस्तुओं की कोई मुक्त आवाजाही न होना, देशभर में बाजारों का विखंडित होने जैसे विभिन्न मसलों से भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली समस्याग्रस्त थी। अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी ने लोगों को कर चोरी किए बगैर ही पारदर्शी ढंग से कारोबार करने के लिए प्रेरित किया है।
अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सुस्पष्ट समर्थन प्राप्त हुआ, जिससे केंद्र सरकार के लिए यह संभव हो पाया कि वह राज्यों से प्राप्त पूर्ण सहयोग के साथ जीएसटी को अत्यंत सफल बना सके। उन्होंने कहा कि हमने पिछली सरकारों में जीएसटी न लागू हो पाने के कारणों का विश्लेषण किया, हमने राज्यों के मसलों को सुलझाया और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया कि उनके राजस्व संग्रह में कमी होने की भरपाई निश्चित तौरपर की जाएगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद भारत की प्रथम आम सहमति आधारित संघीय निर्णय निर्माता संस्था है। एक साल की छोटी सी अवधि में जीएसटी की उल्लेखनीय सफलताओं का उल्लेख करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि इस अभूतपूर्व सुधार ने एक एकीकृत बाज़ार का सृजन किया है, टैक्स पर टैक्स लगाए जाने की समस्या को समाप्त किया है, कुल कराधान बास्केट का भारांक औसत कम हो गया है, जीएसटी परिषद टैक्स स्लैबों को तर्कसंगत बनाने पर निरंतर काम कर रही है, जीएसटी के सफल कार्यांवयन के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष करों का अग्रिम भुगतान बढ़ गया है, जैसे कई सुधारात्मक पहलू सामने आए हैं।
अरुण जेटली ने जानकारी दी कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद से वित्त वर्ष के नौ माह की अवधि के दौरान अप्रत्यक्ष करों का कुल संग्रह लगभग 8.2 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जो समूचे वर्ष के आधार पर लगभग 11 लाख करोड़ रुपये बैठता है, इस तरह प्रत्यक्ष करों के संग्रह में 11.9 प्रतिशत की वृद्धिदर्ज की गई है। अरुण जेटली ने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है, जिससे निकट भविष्य में टैक्स स्लैब स्वत: ढंग से ही तर्कसंगत हो जाएंगे। उन्होंने राज्यों के वित्तमंत्रियों और अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना जीएसटी इस तरह से अत्यंत सफल नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि समाज में बहुमूल्य योगदान के रूपमें जीएसटी का सर्वोत्तम नतीजा आना अभी बाकी है। इस अवसर पर वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी सहकारी एवं सहयोगात्मक संघवाद का एक प्रतीक है और जीएसटी दिवस 1.25 अरब भारतीयों का विशेष दिवस है। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक ऐसा उल्लेखनीय सुधार साबित हुआ है, जिसने ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ के सिद्धांत के जरिए पूरे राष्ट्र को एक आर्थिक संघ में तब्दील कर दिया है।
वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी ने कर प्रशासन को सरल बनाकर और अप्रत्यक्ष करों के ईमानदारीपूर्वक भुगतान के जरिए देश के व्यापार एवं उद्योग जगत की संस्कृति में व्यापक बदलाव लाकर टैक्स की चोरी जैसी अवैध गतिविधियों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं ने पूरे उत्साह से जीएसटी को अपनाया है और यह कर सुधार भारत की युवा पीढ़ी को समर्पित है, जो अपने कारोबार का संचालन वैधानिक और पारदर्शी ढंग से करना चाहती है। पीयूष गोयल ने जीएसटी को छोटे कारोबारियों के लिए गेम चेंजर बताते हुए कहा कि 20 लाख रुपये तक के कारोबार वाले उद्यमों को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है और एक करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले उद्यमों को 1 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में एक संशोधन के जरिए इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार को इसके दायरे में लाने का मन बनाया गया है।
उद्योग जगत की अनेक हस्तियां भी इस अवसर पर उपस्थित थीं, जिनमें वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला, सीबीआईसी के अध्यक्ष, सीआईआई के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल, फिक्की के अध्यक्ष आर शाह, एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया, पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अनिल खेतान, भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र त्रिपाठी, वित्त मंत्रालय में सचिव महेंद्र सिंह, जीएसटी परिषद के सदस्य, मुख्य आर्थिक सलाहकार, सीबीडीटी के अध्यक्ष और जीएसटीएन के अध्यक्ष भी शामिल थे। इन सभी ने भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर सुधार को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मोदी सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने वास्तव में भारत में कारोबार करने के तौर-तरीकों में बदलाव ला दिया है। कार्यक्रम में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए 35 अधिकारियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।