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Wednesday 11 July 2018 02:32:50 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने नई दिल्ली में ‘कारोबार में सुगमता’ के मामले में राज्यों की अंतिम रैंकिंग जारी की है, जिसमें शीर्ष पायदान पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा हैं। झारखंड और गुजरात ने इस मामले में क्रमश: चौथी एवं पांचवीं रैंकिंग हासिल की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीआईपीपी ने विश्व बैंक के सहयोग से ‘कारोबार सुधार कार्य योजना’ के तहत समस्त राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए वार्षिक सुधार सर्वे किया है, जिसका उद्देश्य दक्ष, प्रभावकारी एवं पारदर्शी ढंग से केंद्र सरकार के विभिन्न नियामकीय कार्यकलापों एवं सेवाओं की डिलीवरी को बेहतर करना है।
कारोबार सुधार कार्य योजना के तहत वर्ष 2017 तक शामिल कार्य बिंदुओं की संख्या को 285 से बढ़ाकर 372 कर दिया गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने श्रम, पर्यावरणीय मंजूरियों, एकल खिड़की प्रणाली, निर्माण परमिट, अनुबंध पर अमल, संपत्ति के पंजीकरण एवं निरीक्षण जैसे क्षेत्रों में अपने नियम कायदों एवं प्रणालियों को आसान बनाने के लिए अनेक सुधार लागू किए हैं। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पंजीकरण एवं मंजूरियों से जुड़ी समय सीमा पर अमल के लिए सार्वजनिक सेवा डिलीवरी गारंटी अधिनियम लागू किया है। कारोबार सुधार कार्य योजना के तहत यह आकलन एक संयुक्त स्कोर पर आधारित है, जिसमें सुधार साक्ष्य स्कोर और फीडबैक स्कोर शामिल हैं। सुधार साक्ष्य स्कोर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अपलोड किए गए साक्ष्यों पर आधारित है, जबकि फीडबैक स्कोर विभिन्न व्यवसायों के लिए मुहैया कराई गई सेवाओं के वास्तविक इस्तेमालकर्ताओं यानी यूजर से प्राप्त जानकारियों पर आधारित हैं।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने पहलीबार फीडबैक लेने की शुरुआत की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लागू किए गए विभिन्न सुधार वास्तव में जमीनी स्तरपर पहुंच गए हैं। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों की सेवाओं के 50,000 हजार से भी अधिक यूजर्स में से चयन किए गए वास्तविक इस्तेमालकर्ताओं से आमने-सामने साक्षात्कार लेकर यह फीडबैक संग्रहित किया गया है। करीब 372 सुधारों में से 78 सुधारों को इस सर्वे के लिए चिन्हित किया गया था और 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में निजी क्षेत्र के 5000 से भी अधिक इस्तेमालकर्ताओं ने इस सर्वे के दौरान अपने अनुभव साझा किए, जिनमें देशभर के 4300 कारोबारी एवं 800 वास्तुकार, वकील एवं विद्युत ठेकेदार शामिल थे। भारत में कारोबार में सुगमता के लिए राज्यों के लागू सुधारों ने अन्य देशों जैसेकि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया में भी इस मामले में दिलचस्पी काफी बढ़ा दी है, जिससे यह साबित होता है कि कारोबारी एवं नियामकीय माहौल बेहतर करने के लिए इस तरह के सुधार अत्यंत आवश्यक हैं।