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'स्थानीय पुरातत्व को सिलेबस का हिस्सा बनाएं'

प्रधानमंत्री ने दिल्ली में किया 'धरोहर भवन' का उद्घाटन

'भारतीय पुरातत्व का कार्य अनुकरणीय और महत्वपूर्ण'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 13 July 2018 03:05:36 PM

narendra modi inaugurating new archaeological survey of india

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में तिलक मार्ग पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नए मुख्यालय धरोहर भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 150 वर्ष में अनुकरणीय और महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने अपने इतिहास और अपने पुरातात्विक विरासत पर गर्व करने के महत्व पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को स्थानीय इतिहास और अपने शहरों एवं क्षेत्रों के पुरातत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, स्थानीय पुरातत्व के पाठों को स्कूली सिलेबस का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सुप्रशिक्षित स्थानीय पर्यटक गाइडों के महत्व की चर्चा की, जो इतिहास और क्षेत्र की विरासत के जानकार होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुरातत्व विशेषज्ञों की प्रत्येक खोज अपनी एक कहानी कहती है। प्रधानमंत्री ने भारत-फ्रांस के संयुक्त दल की पुरातात्विक खोजों की जानकारी लेने के लिए कुछ वर्ष पहले अपनी और फ्रांस के राष्ट्रपति की चंडीगढ़ यात्रा की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी विरासत, अपने गौरव और विश्वास को दुनिया को दिखाना चाहिए। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने देश के 3686 स्मारकों की देखरेख करने और अफगानिस्तान, म्यांमार, कम्बोडिया जैसे विश्व के अन्य देशों में संरक्षण सेवाएं देने के लिए एएसआई के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे देश को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत मिली है और यह हमारी पहचान है एवं विश्व ने भी भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को स्वीकारा है। संस्कृति राज्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय 2014 से मूर्त और अमूर्त अनेक विरासत परिसंपत्तियों की विश्व यूनेस्को मान्यता प्राप्त करने में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि विदेशों से 40 पुरातन कृतियां वापस मंगाई गई हैं एवं और भी पुरातन कृतियों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्ष के नए मुख्यालय भवन में आत्याधुनिक सुविधाएं हैं, इनमें ऊर्जा सक्षम प्रकाश व्यवस्था और जल संचयन व्यवस्था शामिल हैं। नए मुख्यालय भवन में केंद्रीय पुरातत्व पुस्तकालय है, जिसमें लगभग 1.5 लाख पुस्तकें और पत्रिकाएं हैं। पुस्तकालय अनूठा और पुरातत्व, धर्म तथा भारत की सांस्कृतिक परिदृश्य पर शोध करने वालों के लिए समृद्ध भंडार है। पुस्तकालय में पुरातत्व से संबंधित प्रमाणिक रिकॉर्ड हैं, इन रिकॉर्डों में एएसआई रिपोर्टे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संस्थापक एलेक्जेंडर कनिंघम, जॉन मार्शल की डायरी आदि है, जो पूरी दुनिया में शोधकर्ताओं के लिए महान स्रोत है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुस्तकालय में धार्मिक पुस्तकों का मौलिक संग्रह संकलन है और इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत पर पुस्तकें हैं, ऐसी पुस्तकों में हिंदू, मनु स्मृति, कौटिल्य का अर्थशास्त्र शामिल है, जो शोधकर्ताओं की मांग है। पुस्तकालय में कलहन की राजतरंगिनी, कश्मीर पर संकलन और गुजरात का इतिहास है। खरसोती, ब्रहामी लिपियों में अद्भुत पुस्तकें हैं। शोधकर्ताओं के लिए तिब्बती पांडुलिपियां अद्भुत हैं।

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