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Saturday 14 July 2018 02:51:35 PM
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति भवन में 19 केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों और प्रमुखों की एक दिवसीय बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रमुख रूपसे शामिल हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर कहा कि भारत के सभी शिक्षण संस्थानों का एक समृद्ध इतिहास है, इनमें से प्रत्येक उन सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का माध्यम हैं, जो लक्ष्य भारत ने ग़रीबी निवारण के प्रयासों के लिए स्वयं निर्धारित किए और मध्यम आय वर्ग वाला देश बन पाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी विशेषज्ञता विकसित करने के दौरान इन संस्थानों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए और शिक्षा लेनी चाहिए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि ऐसा एक जैसी विधा वाले संस्थानों के लिए ज्यादा संभव है। उन्होंने इन संस्थानों के प्रमुखों से अनुरोध किया कि वे शिक्षा गुणवत्ता के विकास और सहयोग के लिए कार्यात्मक एवं लक्ष्यबद्ध योजनाएं बनाएं। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण संस्थान देश के अंदर और बाहर अपने क्षेत्रों में एवं अन्य विश्वविद्यालयों के साथ भी सहभागिता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ज्ञान को सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि सभी शिक्षण संस्थानों को शिक्षा के अवसर एवं उसकी गुणवत्ता में समृद्धि करते हुए एक-दूसरे के विकास में भी पारस्परिक सहयोग करना चाहिए। यह बैठक केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नियमित मुलाकात का हिस्सा थी।
बैठक में शामिल होने वाले संस्थानों में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान अहमदाबाद, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान गुवाहाटी, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान हाजीपुर, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान हैदाराबाद, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान कोलकाता, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान रायबरेली, राष्ट्रीय औषध शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान एसएएस नगर मोहाली, राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय, फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान, राष्ट्रीय अभिकल्प संस्थान, नालंदा विश्वविद्यालय, भारतीय समुद्रीय विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय पेट्रोलियम एवं ऊर्जा संस्थान, राजीव गांधी पेट्रोलियम एवं प्रौद्योगिकी संस्थान और राजीव गांधी युवा विकास संस्थान प्रमुख थे।