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स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण पर गंभीर नसीहत!

'अधिकारी से लेकर जनसामान्य तक जिम्मेदारी निभाए'

गोंडा में दक्षता कार्यशाला में बोले डॉ राकेश मैत्रेय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 3 August 2018 10:54:29 AM

lecture of dr. rakesh maitreya ifs  on clean india mission rural

गोंडा। भारतीय विदेश सेवा से रिटायर्ड अधिकारी डॉ राकेश मैत्रेय ने बृहस्पतिवार को मंडलायुक्त सभागार में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्विभागीय समन्वय एवं अधिकारीगण कार्य दक्षता कार्यशाला में मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए उपस्थित अधिकारियों को चेताया कि स्वच्छ भारत मिशन सिर्फ पंचायतीराज विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभागों के सहयोग से फलीभूत होने वाली भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका सीधा संबंध देश के हर नागरिक से है, चाहे वह किसी भी तबके से है अधिकारी हो, कर्मचारी हो, सिविल सोसायटी हो, जनप्रतिनिधि हो या जनसामान्य।
आयुक्त देवीपाटन मंडल सुधेश कुमार ओझा की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में डॉ राकेश मैत्रेय ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को गावों में धरातल पर लागू करने के लिए सम्प्रेषण की आवश्यकता है, जब हर अधिकारी यह अहसास करेगा कि यह जिम्मेदारी सिर्फ पंचायतीराज विभाग की ही नहीं है, बल्कि सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है, तभी स्वच्छ भारत मिशन सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों की आदतें बदलनी होंगी। उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के गावों में आज भी लोगों को जब शौचालय बनवाने और उसके उपयोग के बारे में अनुरोध कीजिए तो वे लड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि जहां समाज में ऐसे भी लोग रह रहे हों, वहां लोगों को मोटीवेट करने के लिए हमें उन्हें तर्क देना होगा और उनके सामने यह साबित करना होगा कि ऐसा नहीं किया तो आपका यह नुकसान होगा।
डॉ राकेश मैत्रेय ने आंकड़े देते हुए बताया कि भारत में प्रतिवर्ष प्रतिघंटे गंदगी के कारण दो हजार बच्चे मौत के मुंह में चले जाते हैं तथा गंदगी के कारण ही भारत में प्रतिवर्ष बीमारियों के इलाज पर 35 हजार करोड़ रुपए खर्च किया जाता है। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी और बीएसए से कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा अध्यापकों का सम्मेलन कराएं, आंगनबाड़ी कार्यकत्री और आशा बहुएं ऐसी श्रृंखला है, जिनमें हरघर की औरतें सीधे जुड़ी हुई होती हैं, यदि वे महिलाओं को शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करेंगी तो इसके बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी, जिन्हें जो भी दायित्व दिया गया है, यदि वे पूरी ईमानदारी से अपना दायित्व निभाएंगे और जनता के बीच प्रेक्टिकली काम करेंगे, तभी स्वच्छ भारत मिशन का क्रियांवयन हो पाएगा। डॉ मैत्रेय ने गांव की एक एक सच्ची और आंखो देखी हुई घटना का उदाहरण देकर मीटिंग में बैठे अधिकारियों को उनके तर्कों पर सोचने को मजबूर कर दिया।
आयुक्त देवीपाटन मंडल सुधेश कुमार ओझा ने भी इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता अभियान बिना जन जागरण के सम्भव नहीं है, इसीलिए उनके द्वारा पूरे मंडल के 7165 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक साथ स्वच्छता रैली निकलवाकर लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यशाला में जिलाधिकारी गोंडा कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव, सीडीओ अशोक कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त देवीपाटन वीके पाठक, उपनिदेशक पंचायतीराज विभाग एसएन सिंह, सीएमओ डॉ संतोष श्रीवास्तव, डीपीआरओ घनश्याम सागर, डीडीओ रजत यादव, पीडी प्रशांत श्रीवास्तव, डीसी मनरेगा हरिश्चंद प्रजापति, डीसी एनआरएलएम दिनेश यादव, बीएसए आरके वर्मा, प्रभारी डीपीओ दिलीप पांडेय, डीसीओ ओपी सिंह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, बीडीओ, एडीओ पंचायत, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन अभय सिंह रमन, स्वच्छाग्रही तथा ग्राम प्रधान उपस्थित थे।

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