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Tuesday 7 August 2018 05:03:40 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा और खेल मामलों के राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में महिला पर्वतारोही दल को हिमाचल प्रदेश के माउंट मनीरंग अभियान पर झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान महिलाओं के 1993 के माउंट एवरेस्ट अभियान की रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने महिला पर्वतारोही दल को मनीरंग अभियान पर भेजने के लिए भारतीय पर्वतारोहण फांउडेशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे समाज में यह संदेश गया है कि यदि अवसर दिए जाएं तो लड़कियां भी चुनौतियों का सामना कर अपनी पहचान बना सकती हैं।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह इस बात का संदेश है कि बच्चों को भी फैसला लेने का मौका दिया जाना चाहिए कि आखिर वह भविष्य में क्या करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना लड़कियों, बच्चों और युवाओं बहुत प्रोत्साहित करता है कि जो खेलों में हिस्सा लेते हैं, वही फलते फूलते हैं। उन्होंने कहा कि माउंट मनीरंग अभियान दल में शामिल लड़कियों में से कुछ ऐसे राज्यों से भी हैं जहां न तो पर्वत हैं और नही बर्फ है, यह चुनौतियों से निपटने की लड़कियों की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा वित्तीय मदद की जरूरत है।
माउंट मनीरंग अभियान पर निकले 19 सदस्यीय महिला पर्वतारोही दल की अगुवाई जानी-मानी पर्वतारोही बिमला नेगी कर रही हैं। वह 1993 में माउंट एवरेस्ट अभियान पर गए महिला दल में भी शामिल थीं। माउंट मनीरंग अभियान दल में उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मणिपुर और हिमाचल प्रदेश की युवा महिला पर्वतारोहियों के अलावा 1993 के अभियान दल की 9 सदस्य भी शामिल हैं। इस पर्वतारोही अभियान दल के 24 अगस्त को माउंट मनीरंग पर पहुंचने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इन वर्षों में एवरेस्ट अभियान और जोखिमभरे साहसिक अभियानों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ी है, जिसका कारण यह माना जाता है कि लड़कियों में अपनी कैरियर के प्रति जागरुकता बढ़ी है और वे अवसर पाते ही बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 1993 में माउंट एवरेस्ट अभियान पर गया भारत-नेपाल पवर्तारोही दल भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से भेजा गया पहला महिला पर्वतारोही दल था। इस अभियान को खेल और युवा मामलों के मंत्रालय की ओर से वित्तीय मदद दी गई थी। इस 21 सदस्यीय दल की अगुवाई बछेंद्रीपाल ने की थी। अभियान दल ने कई विश्व कीर्तिमान बनाए थे, जिसमें एक अकेले अभियान में सबसे ज्यादा 18 लोगों के माउंट एवरेस्ट को फतह करने तथा एक ही देश की सबसे ज्यादा 6 महिला पर्वतारोहियों के माउंट एवरेस्ट पर पहुंचना शामिल था।