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Tuesday 14 August 2018 03:02:15 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की पहल पर ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के सहयोग से पुलिसकर्मियों के लिए कौशल विकास कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उन्हें बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग़ौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह पुलिस व्यवहार एवं छवि में सुधार केलिए कुछ माह से पुलिसकर्मियों के बेहतर और विशेष प्रशिक्षण पर बल दे रहे हैं। लखनऊ जोन के पुलिसकर्मियों केलिए मार्च 2018 से लखनऊ पुलिस लाइन में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें अबतक 4000 से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षणार्थियों के फीडबैक के आधार पर ऐसे प्रशिक्षण की आवश्यकता सभी जनपद के पुलिसकर्मियों केलिए महसूस की जा रही है, इसी के तहत पुलिस महानिदेशक ने ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के विशेषज्ञों से पुलिस कर्मचारियों को कौशल प्रशिक्षण देने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि यह ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट का प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मियों को कौशल प्रशिक्षण देने वाला प्रथम टारगेटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम है।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में टाटा इंस्टिटयूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई एवं इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ को शामिल किया है, जिसकी रूपरेखा तय करने केलिए उन्होंने पुलिस मुख्यालय लखनऊ में आईआईएम लखनऊ के निदेशक अजित प्रसाद, टाटा इंस्टिटयूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई की असिस्टेंट प्रोफेसर त्रुप्ति पांचाल एवं डॉ शैरेन मेनेजस, अपर पुलिस महानिदेशक यूपी 100, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं, पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र लखनऊ, पुलिस अधीक्षक कुंभ की उपस्थिति में एक बैठक करके गहन विचार-विमर्श किया। यूपी पुलिस महानिदेशक के जनसम्पर्क अधिकारी ने बैठक में उन दृष्टांतों का उल्लेख किया, जिनके कारण जनता में पुलिस की प्रतिकूल छवि बनती है। आईआईएम लखनऊ के निदेशक अजित प्रसाद ने पुलिसकर्मियों में कौशल विकास के साथ-साथ उनकी कार्यसंस्कृति परिवर्तन के महत्व को भी रेखांकित किया।
प्रोफेसर त्रुप्ति पांचाल ने पुलिसकर्मियों के कौशल प्रशिक्षण में संभावित परिवर्तन, सांस्कृतिक परिवर्तन, सहानुभूति, संघर्ष समाधान एवं कार्य संतुलन को महत्वपूर्ण बताया। प्रोफेसर डॉ शैरेन मेनेजस ने प्रक्रियात्मक न्याय एवं पुलिस के दृष्टिकोण को विकसित करने पर जोर दिया। पुलिस महानिदेशक ने इस अवसर पर पुलिसकर्मियों के कौशल विकास के सम्बंध में कई निर्णय लिए जैसे-टीआईएसएस एवं आईआईएम के सहयोग से ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करके पॉयलेट बेसिस पर मंडल और रेंज स्तरपर लागू किया जाएगा, यह ट्रेनिंग जनता से सम्पर्क में आने वाले विभिन्न स्तर के पुलिसकर्मियों को दी जाएगी, जिसमें विभिन्न विषयों जैसे-सॉफ्ट स्किल डेवलेपमेंट, व्यवहार परिवर्तन, दृष्टिकोण परिवर्तन, संघर्ष समाधान, तनाव प्रबंधन एवं प्रक्रियात्मक न्याय तंत्र आदि को प्राथमिकता दी जाएगी, ट्रेनिंग को सफल एवं उसकी गुणवत्ता को बनाने हेतु प्री एवं पोस्ट ट्रेनिंग प्रभाव अध्ययन भी कराया जाएगा।