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Saturday 18 August 2018 05:53:09 PM
कोच्चि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में आई भयावह बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण किया और बाढ़ से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा की। हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन और केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अलफोंस भी थे। प्रधानमंत्री ने बाढ़ की वजह से हुई असामयिक मौतों और जीवन एवं संपत्ति को हुए नुकसान पर दु:ख और शोक प्रकट किया। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से निपटने के लिए 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। यह राशि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की 12 अगस्त 2018 को घोषित 100 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार की ओर से मांगी गईं राहत सामग्रियां जैसे अनाज और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के निकट संबंधियों को 2 लाख रुपये प्रति व्यक्ति और गंभीर रूपसे घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता अनुग्रह राशि के तौरपर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने बीमा कंपनियों को विशेष शिविर आयोजित कर नुकसान का आकलन करने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत प्रभावित परिवारों और लाभार्थियों को निश्चित समय के अंदर मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने फसल बीमा योजना के तहत किसानों के दावों के शीघ्र निस्तारण के आदेश दिए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्राथमिकता के आधार पर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत का निर्देश दिया। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों जैसे एनटीपीसी और पीजीसीआईल को कहा कि बिजली की लाइनों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार को सभी संभव सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन ग्रामीणों के कच्चे मकान इस विनाशकारी बाढ़ में नष्ट हो गए हैं, उन्हें प्राथमिकता देकर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, भले ही पीएमएवाई-जी की स्थायी प्रतीक्षा सूची में वे किसी भी स्थान पर रहे हों। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत 2018-19 के श्रम बजट में 5.5 करोड़ मानव कार्य दिवसों को भी मंजूरी दे दी गई है, राज्य सरकार द्वारा इसमें वृद्धि के किसी भी निवेदन पर गौर किया जाएगा। एकीकृत बागबानी विकास अभियान के तहत किसानों को उन बागवानी फसलों को दोबारा बोने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिन्हें बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। केंद्र सरकार केरल में बाढ़ की स्थिति पर लगातार और करीब से नज़र रखे है। राज्य सरकार को इस संकट से निपटने के लिये प्रत्येक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री बाढ़ से उत्पन्न परिस्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री के निरंतर संपर्क में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 21 जुलाई 2018 को गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने केजे अलफोंस केंद्रीय राज्यमंत्री और एक उच्चस्तरीय केंद्रीय दल ने बाढ़ प्रभावित अलपुज्झा और कोट्टायम जिलों का दौराकर बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की थी और प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अगस्त को पर्यटन राज्यमंत्री केजे अलफोंस एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केरल के बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा एवं हवाई सर्वेक्षण किया था और राज्य के मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के साथ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे खोज, बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की थी। गृहमंत्री ने एनडीआरएफ से 100 करोड़ रुपये की राशि के अग्रिम भुगतान के आदेश भी दिए थे।
भारत सरकार के मंत्रालयों के एक संयुक्तदल ने राज्य सरकार द्वारा 21.07.2018 को दिए गए एक ज्ञापन के आधार पर 7 से 12 अगस्त के दौरान राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया था। एनडीआरएफ के 57 दल, जिनमें 1,300 कर्मी और 435 नौकाएं शामिल हैं, खोज और बचाव कार्य में लगाए गए हैं। बीएसएफ, सीआईएसएफ, आरएएफ की 5 कंपनियों को राज्य में राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। थलसेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल को भी राज्य में खोज और बचाव कार्यों के लिए नियुक्त किया गया है। राहत और बचाव कार्यों में कुल मिलाकर 38 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 20 विमानों को भी संसाधनों की ढुलाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
थलसेना ने अभियांत्रिकी कार्यबल के 10 कॉलम और 10 दलों, जिसमें 790 प्रशिक्षित कर्मी शामिल हैं को नियुक्त किया है। नौसेना 82 टीमों को लगा रही है। तटरक्षक बल ने 42 दल, 2 हेलीकॉप्टर और 2 पोतों को लगाया है। नौ अगस्त से एनडीआरएफ, थलसेना और नौसेना ने कुल मिलाकर 6,714 लोगों को बचाया या निकाला है और 891 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई है। प्रधानमंत्री ने इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा जो लोग अभी भी पानी में फंसे हुए हैं, उन्हें बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और भारत सरकार इस काम में राज्य सरकार की यथासंभव मदद करती रहेगी।