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ब्रह्मकुंड में अटलजी की अस्थियां विसर्जित

हरकी पौड़ी पर श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ा

शाह, योगी, राजनाथ, त्रिवेंद्र और पूरी भाजपा मौजूद

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Sunday 19 August 2018 02:04:54 PM

atalji's bones immersed in brahmakunda haridwar

हरिद्वार/ लखनऊ। भारतरत्न और भारतीय जनता पार्टी के महान नेता अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां आज हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर गंगा नदी में विसर्जित की गईं। अटल बिहारी वाजपेयी की दत्‍तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने पूरे विधि-विधान से हरकी पौड़ी के ब्रह्मकुंड में अस्थियां विसर्जित कीं। इसीके साथ उनकी अस्थियां देशभर की नदियों में विसर्जित करने का पुण्यप्रताप शुरू हो गया है। हरिद्वार आज अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़ा। जिस गाड़ी पर अस्थि कलश रखा हुआ था, उसपर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, हरिद्वार के सांसद रमेश पो‌खरियाल निशंक, उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष, स्वयंसेवक संघ के नेता भी मौजूद थे और अस्थि कलश पर अनवरत पुष्पवर्षा हो रही थी। यह दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के समय ही तय हो गया था कि अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों का विसर्जन उत्तर प्रदेश की सभी नदियों होगा और शुरुआत हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर अस्थि विसर्जन से होगी।
हरिद्वार में हरकी पौड़ी और उन मार्गों पर सवेरे से ही जनसमूह अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को प्रणाम करने और श्रद्धांजलि के फूल अर्पित करने की प्रतीक्षा कर रहा था। उत्तराखंड भाजपा के सारे छत्रप, भाजपा सरकार के सारे मंत्री, भाजपा कार्यकर्ता और दूसरे दलों के भी नेता अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने के लिए देहरादून ‌ऋषिकेश और दूसरे जिलों से हरिद्वार पहुंचे। अस्थि कलश यात्रा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राजनाथ सिंह गमगीन अवस्‍था में हाथ जोड़े हुए थे, उन्होंने अभिवादन भी स्वीकार किया। अस्थि कलश यात्रा भल्ला कॉलेज ग्राउंड से शुरू हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी के पारिवारिक पुरोहित अखिलेश शास्त्री ने हरिद्वार में ब्रह्मकुंड घाट पर मंत्रोच्चार के साथ अस्थि विसर्जन की विधि पूरी की। अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तकपुत्री नमिता भट्टाचार्य, पोती निहारिका और परिवार के दूसरे सदस्य आज सुबह दिल्ली में स्मृति स्थल से अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को एकत्रित किया और नदियों में विसर्जित किए जाने वाले पात्रों में रखी गईं।
अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां हर जनपद की पवित्र नदियों में प्रवाहित की जाएंगी, इनमें आगरा में यमुना और चंबल नदी, इलाहाबाद में गंगा नदी, यमुना और तमसा नदी, वाराणसी में गंगा नदी, गोमती और वरुणा नदी, लखनऊ में गोमती नदी, गोरखपुर में घाघरा, राप्ती, रोहिन, कुआनो और आमी नदी, बलरामपुर में राप्ती नदी, कानपुरनगर में गंगा नदी, कानपुर देहात में यमुना नदी, अलीगढ़ में गंगा और करवन नदी, कासगंज में गंगा नदी, अंबेडकरनगर में घाघरा और तमसा नदी, अमेठी में सई और गोमती नदी, अमरोहा में गंगा और सोत नदी, औरैया में यमुना और सिंधु नदी, आजमगढ़ में घाघरा व तमसा नदी, बदायूं में गंगा नदी, रामगंगा व सोत नदी, बागपत में यमुना नदी, हिंडन व काली नदी, बहराइच में सरयू व घाघरा नदी, करनाली व सुहेली नदी, बलिया में गंगा व घाघरा नदी, गंडक व तमसा नदी, बांदा में केन व यमुना नदी, बाराबंकी में घाघरा व गोमती नदी, बरेली में रामगंगा व अरिल नदी, बस्ती में घाघरा नदी, कुआनो व मनोरमा नदी, बिजनौर में गंगा व रामगंगा नदी, बुलंदशहर व चंदौली में गंगा नदी, चित्रकूट में यमुना नदी, देवरिया में गंडक नदी, घाघरा व राप्ती नदी, एटा में इसान नदी और इटावा में चंबल व यमुना नदी प्रमुख हैं।
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके पैतृक स्थान बटेश्वर, शिक्षाक्षेत्र कानपुर, प्रथम संसदीय क्षेत्र बलरामपुर और कर्मभूमि लखनऊ में उनकी स्मृतियों को संजोय रखने का विशिष्ट कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को शीर्ष प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा, भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था, राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के दृष्टिगत उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न प्रदान किया गया था। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मार्गदर्शन में राष्ट्रसेवा के संस्कार ग्रहण किए थे। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटलजी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है, उनका छह दशक का राजनैतिक जीवन हमेशा याद किया जाएगा, उन्होंने राजनीति को मूल्यों और सिद्धांतों से जोड़कर देश में सुशासन की आधारशिला रखी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक ओजस्वी वक्ता और प्रखर सांसद के रूपमें अटलजी की विशिष्ट पहचान थी, भारतीय संसद की गौरवशाली परम्पराओं को समृद्ध करने के लिए उनको सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान प्रदान किया गया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के साथ सार्वजनिक जीवन में सहभागी होने और संसद में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूपमें उन्होंने लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश और अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए अविस्मरणीय कार्य किए। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से 5 बार सांसद निर्वाचित हुए और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से राष्ट्र को भारी क्षति हुई है, उसकी भरपाई होना कठिन है।

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