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Friday 24 August 2018 06:00:25 PM
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय और यहां के विद्यार्थियों को पथ प्रदर्शक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा एक ऐसा विषय चुनने की सराहना की, जो पारंपरिक रूपसे गैर परंपरागत विषय समझा जाता है, लेकिन आज के युग में इस विषय का काफी अधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ करके उसे नए आयाम पर ले जाया जा सकता है, उदाहरण के तौरपर जो मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार करते हैं, मनोविश्लेषण करते हैं, किसी जमाने में वो मिलकर बात करके, परिवार या आमजनों से पूछ करके तय करते थे, आज टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो जाता है। उन्होंने कहा कि जैसे पारंपरिक ज्ञान प्लस प्रौद्योगिकी ने दक्षता लाई है, पूर्णता लाया है, मैं समझता हूं हमारे फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय अनुसंधान का एक क्षेत्र भी होना चाहिए, जिसमें पारंपरिक ज्ञान, मानव बुद्धि और आधुनिक तकनीक को मिलाकर इस क्षेत्र में किस प्रकार से काम कर सकते हैं, उस दिशा में भी ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में आत्मविश्वास और दृढ़ता के इन गुणों से विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से वैश्विक परिवर्तन के केंद्र में रहने को कहा। उन्होंने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी निकले युवाओं की कुशलता से जांच एवं न्यायिक प्रक्रिया और भी सशक्त हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत फोरेंसिक विज्ञान व्यवस्था होने से नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराध पर नियंत्रण करने में उसी तरह मदद मिलती है, जिस तरह कारगर पुलिस बल और कारगर न्यायपालिका से सहायता मिलती है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के बदलते समय में अपराधी अपने अपराध को छिपाने के लिए, बचने के लिए जिस तरह के तरीके को अपना रहा है, उस स्थिति में यह उतना ही महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति को यह एहसास हो कि अगर वो कुछ गलत करेगा तो कभी न कभी तो पकड़ा जाएगा, उसे सजा भुगतनी ही पड़ेगी और पकड़े जाने की भय की यह भावना एवं अदालत में उसका अपराध साबित होने का डर अपराध को नियंत्रण में रखने में बहुत मददगार साबित होता है और यहीं पर फोरेंसिक विज्ञान का महत्व बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर और डिज़िटल विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे डिज़िटल इंडिया मिशन के सहभागी बनकर देश और समाज को सुरक्षित करने, उसे सशक्त करने में मदद करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार साइबर अपराध को रोकने और ऐसे अपराधियों में भय उत्पन्न करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है, साइबर फोरेंसिक लैब्स को भी मजबूत किया गया है, लेकिन इसके साथ ही अनुभवी विशेषज्ञों की भी देश को बहुत आवश्यकता है, जो कम समय में ऐसे अपराधियों तक पहुंचने में जांच एजेंसियों की मदद कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने अपराधिक जांच और न्याय के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानव संसाधन पूल बनाने के लिए गुजरात फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से वैश्विक सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने साइबर अपराध की चुनौती और फोरेंसिक एवं साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला को मजबूत बनाने की चर्चा की। उन्होंने बीमा उद्योग में भी फोरेंसिक साइंसेज के महत्व का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोरेंसिक विशेषज्ञों से दोषियों को दंडित करने के उद्देश्य से न्यायिक प्रणाली को मदद देने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया आने वाले समय में हम महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों सहित घृणित अपराधों को रोकने में सफल होंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से विश्व को बेहतर बनाने के लिए प्रगतिशील परिवर्तन करने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की।