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Tuesday 11 September 2018 06:05:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली से वीडियो कॉंफ्रेसिंग के जरिए लाखों आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ताओं से संवाद किया, जिसमें उन्होंने उनके पारिश्रमिक में उल्लेखनीय वृद्धि करने की घोषणा भी की, जो अगले महीने से प्रभावी होगी। प्रधानमंत्री ने जमीनस्तर के स्वास्थ्यकर्मियों के योगदान को स्वीकार करते हुए उन्हें मजबूत और स्वस्थ देश बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने देशभर में आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ताओं की आपस में मिल-जुलकर काम करने, अभिनव साधनों एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके दूर-दराज़ इलाकों तक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं बेहतर ढंग से सुलभ कराने अर्थात देशभर में कुपोषण में कमी करने के उद्देश्य से जारी उनके अतुलनीय प्रयासों की सराहना की।
गौरतलब है कि इस महीने देशभर में पोषण माह मनाया जा रहा है और पोषण माह के हिस्से के रूपमें ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य देशभर में हर किसी तक पोषाहार एवं गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जानेवाले मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए कहा कि अबतक जिनको 3,000 रुपये दिए जाते थे, उन्हें अब 4,500 रुपये मिलेंगे, इसी तरह अबतक 2,200 रुपये प्राप्त करने वालों को 3,500 रुपये मिलेंगे, आंगनवाड़ी सहायिका के निर्धारित मानदेय को अब 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,250 रुपये कर दिया गया है और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा कवर भी दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न तकनीकों जैसे कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 250 रुपये से लेकर 500 रुपये तकके प्रोत्साहन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और उनकी सहायिका को स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीनों स्वास्थ्यकर्मी एकसाथ मिलकर नवाचारी उपायों और टेक्नॉलोजी का उपयोग करके स्वास्थ्य और पोषाहार सेवाएं सुधारने की दिशा में सराहनीय काम कर रही हैं। नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पोषाहार मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के झुंझुनू से लांच पोषण अभियान का लक्ष्य स्टंटिंग, एनीमिया, कुपाषण तथा जन्म के समय कम वजन में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के साथ अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों को जोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुपोषण एवं गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पहलुओं पर फोकस किया हुआ है, टीकाकरण कार्यक्रम तेजी से प्रगति कर रहा है और महिलाओं तथा बच्चों को इनका लाभ हर प्रकार से मुहैया कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मिशन इंद्रधनुष को कारगर तरीके से लागू करने, तीन लाख गर्भवती महिलाओं और 85 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका कवच प्रदान करने में टीम ‘थ्री ए’ आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कर्मियों के प्रयासों और समर्पण की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस अवसर पर देशभर के स्वास्थ्यकर्मियों और लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों से सुरक्षित मातृत्व अभियान के बारे में लोगों को और अधिक जागरुक करने का आग्रह किया। उन्होंने न्यू बोर्न केयर की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे प्रतिवर्ष देश के 1.25 मिलियन बच्चे लाभांवित होते हैं। उन्होंने बताया कि अब इसका नाम ओम बेस्ड चाइल्ड केयर कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत आशाकर्मी जन्म के पहले 15 महीने में 11 बार घरों में जाएंगी, इससे पहले उन्हें जन्म के पहले 42 दिन में 6 बार जाना पड़ता था। नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य और देश के विकास के बीच जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि यदि देश के बच्चे कमजोर हैं तो देश का विकास भी धीमा रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी नवजात के लिए जीवन के प्रथम एक हजार दिन बहुत गंभीर होते हैं, इस दौरान पोष्टिक खानपान और खाने से संबंधित आदतें यह तय करती हैं कि शरीर कैसा होगा, यह पढ़ने लिखने में कैसा होगा और मानसिक रूपसे कैसा मजबूत होगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि देश का नागरिक स्वस्थ है तो देश का विकास कोई नहीं रोक सकता, इसलिए शुरूआती एक हजार दिन में देश का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शौचालयों के उपयोग से 3 लाख मासूमों की ज़िंदगी बचाई जा सकती है। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत की प्रथम लाभार्थी बेबी करिश्मा का जिक्र किया और कहा कि बेबी करिश्मा आयुष्मान बेबी के रूपमें प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बेबी करिश्मा वैसे 10 करोड़ से अधिक लोगों की आशा की प्रतीक बन गई हैं, जो इस महीने की 30 तारीख को रांची में लांच किए जाने वाले आयुष्मान भारत कार्यक्रम से लाभांवित होंगी।