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Sunday 16 September 2018 02:29:52 PM
हापुड़। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने जनपद गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर एवं हापुड़ का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने यूपी 100 योजना के अंतर्गत जनपद गाजियाबाद को 45 और गौतमबुद्धनगर को 41 पीआरवी बाईकें प्रदान कीं। पीआरवी वाहनों को तिगरीगोल चक्कर से पुलिस महानिदेशक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पुलिस महानिदेशक ने इस अवसर पर कहा कि गाजियाबाद में 60 चार पहिया पीआरवी एवं 45 पीआरवी बाईकें प्रदान किए जाने पर अब गाजियाबाद में पीआरवी की संख्या 105 हो गई है, सभी पीआरवी बाईकों पर जीपीएस युक्त एमडीटी एवं हैंडहैल्ड रेडियो सैट उपलब्ध हैं और सभी पीआरवी बाईकों की एमडीटी लॉगइन कराकर एक्टिवेट कर दी गई हैं।
पुलिस महानिदेशक ने ओपी सिंह कहा कि प्रत्येक दिन उत्तर प्रदेश पीआरवी में लगभग 50-60 हजार काल आती हैं, जिसमें 14-15 हजार कालों का इवेंटस जनरेट होता है, जिसमें कई तरह की शिकायतें होती हैं, ज्यादातर झगड़े, मारपीट, चोरी आदि की होती हैं और जितनी ज्यादा शिकायतें पीआरवी पर आती हैं, उसे पुलिस की विश्वसनीयता का पैमाना माना जाता है। ओपी सिंह ने कहा कि पहले पीआरवी का रिस्पॉस टाइम लगभग 23 मिनट था, जो उत्तर प्रदेश पुलिस ने घटाकर 14 मिनट कर लिया है, इसके विश्लेषण से यह पाया गया है, कई जनपदों में रिस्पॉस टाइम 11 व 12 मिनट का हो गया है और निकट भविष्य में रिस्पॉस टाइम को 10 मिनट तक लाने के संबंध में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीआरवी को सुसज्जित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण को मजबूत बनाया गया है, प्रत्येक माह 18 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें सर्टीफाईड फस्ट रिस्पॉस के प्रशिक्षण के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक ने हापुड़ में नवनिर्मित पुलिस कार्यालय का उद्घाटन किया और पुलिस कार्यालय में स्थापित समस्त शाखाओं का भ्रमणकर अधिकारियों के साथ वार्ता की। उन्होंने कहा कि पुलिसलाइन के लिए भी कार्य किया जा रहा है, यह प्रयास लगातार किया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन की व्यवस्था बहुत अच्छी हो, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को न्याय सुविधाजनक स्थिति में मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है, अपराध पर पूर्णतया नियंत्रण है, जहां कहीं भी अपराध हुए हैं, उनपर तत्काल काबू पा लिया गया है और गंभीर अपराधों में व्यवसायिक दक्षता, तकनीक एवं कड़ी मेहनत से कमी लाई गई है।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के व्यवहार को अच्छा बनाने एवं व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने के लिए उन्हें सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने कहा कि जहां कॉप ऑफ द मंथ के अंतर्गत थाने के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी को सम्मानित किया जाता है, वहीं व्यवहार एवं कंडक्ट की शिकायत पाए जाने पर उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई भी की जा रही है। इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन, पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र, जनपद हापुड़ के पुलिस अधिकारी, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।